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अच्छी ख़बर..अब Challan के लिए नहीं लगाने होंगे कोर्ट के चक्कर

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ट्रैफिक Challan को लेकर अच्छी खबर है।

Traffic Challan: ट्रैफिक चालान को लेकर अच्छी खबर है। एमसीडी (MCD) की तरफ से एक नई पहल शुरू की गई है जिससे चालान (Challan) कटने के बाद अब कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बता दें कि एमसीडी की तरफ से काटे गए चालान को अब ऑन द स्पॉट (On The Spot) ही भरा जा सकता है। इससे फायदा ये होगा कि लोगों को एमसीडी कोर्ट (MCD Court) के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पढ़िए पूरी खबर…
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इस नई सुविधा के तहत

ऑनलाइन भुगतान: चालान मिलने के तुरंत बाद, आप इसे ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए आसानी से भुगतान कर सकते हैं। इससे आपको एमसीडी कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

डिजिटल चालान: चालान की कॉपी आपको डिजिटल रूप में मिलेगी, जिसे आप अपने मोबाइल या ईमेल में स्टोर कर सकते हैं।

विवाद समाधान: अगर आपको लगता है कि चालान गलत कटा है, तो आप ऑनलाइन ही आपत्ति दर्ज करा सकते हैं और उसका समाधान पा सकते हैं।

समय की बचत: कोर्ट के चक्कर लगाने की बजाय आप घर बैठे ही चालान का निपटारा कर सकते हैं, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।

अधिकारियों की सक्रियता: ट्रैफिक पुलिस और एमसीडी ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि इस नई प्रक्रिया से लोगों को राहत मिले और प्रशासन की कार्यक्षमता में भी सुधार हो।

इस नई व्यवस्था का उद्देश्य नागरिकों के लिए ट्रैफिक चालान की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाना है।

पहले का एमसीडी ट्रैफिक चालान भुगतान कैसे करना होता था?

पहले एमसीडी ट्रैफिक चालान का भुगतान करने की प्रक्रिया कुछ जटिल और समय लेने वाली थी. इसमें निम्नलिखित कदम शामिल होते थे।

मैनुअल चालान प्राप्त करना: जब आपका ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होता था, तो ट्रैफिक पुलिस अधिकारी आपको मैन्युअल रूप से चालान जारी करते थे। इसमें कागजी चालान दिया जाता था, जिसमें उल्लंघन का विवरण और जुर्माने की राशि लिखी होती थी।

भुगतान के लिए कोर्ट जाना: चालान जारी होने के बाद, आपको एमसीडी (Municipal Corporation of Delhi) कोर्ट या संबंधित ट्रैफिक अदालत में जाना होता था। वहाँ आपको चालान का भुगतान करना पड़ता था। यह प्रक्रिया कई बार लंबी होती थी, क्योंकि अदालत में लंबी कतारें होती थीं और मामले का निपटारा करने में समय लगता था।

भुगतान की रसीद प्राप्त करना: कोर्ट में भुगतान करने के बाद, आपको एक रसीद दी जाती थी, जिसे चालान के भुगतान के प्रमाण के रूप में रखा जाता था। इस रसीद को दिखाकर आप अपनी गाड़ी को छोड़ सकते थे या किसी अन्य कानूनी प्रक्रिया को पूरा कर सकते थे।

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समय की खपत: इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय और प्रयास लगते थे, क्योंकि आपको कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते थे और काम की वजह से आपके दूसरे काम भी प्रभावित हो सकते थे।

डिस्प्यूट रेज़ोल्यूशन: अगर आप चालान से सहमत नहीं होते थे, तो आपको अपनी आपत्ति दर्ज कराने और उसे सुलझाने के लिए कोर्ट में ही जाना पड़ता था।

इस प्रक्रिया के दौरान कई लोगों को असुविधा होती थी, खासकर अगर उन्हें कोर्ट में लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। इसी असुविधा को दूर करने के लिए अब ऑनलाइन भुगतान और त्वरित निपटान की सुविधाएं दी गई हैं।

क्या है एमसीडी?

एमसीडी, या दिल्ली नगर निगम, दिल्ली की नगरपालिका संस्था है जो दिल्ली के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिक सेवाओं, बुनियादी ढांचे, और प्रशासनिक कार्यों का संचालन करती है। एमसीडी का मुख्य कार्य शहर के विकास, स्वास्थ्य सेवाओं, सफाई व्यवस्था, सड़कों की देखरेख, ट्रैफिक मैनेजमेंट, और अन्य नागरिक सुविधाओं को सुनिश्चित करना है।

एमसीडी का मुख्य कार्य क्षेत्र में सफाई, कूड़ा प्रबंधन, सड़कों की मरम्मत, जल निकासी, पार्कों का रखरखाव, और अन्य नागरिक सुविधाओं का प्रबंधन करना है। इसके अलावा, एमसीडी स्थानीय बाजारों का प्रशासन, बिल्डिंग परमिट जारी करना, और स्कूलों व अस्पतालों की व्यवस्था भी संभालता है।

एमसीडी के चुनाव भी होते हैं, जिसमें स्थानीय प्रतिनिधियों को चुना जाता है जो निगम के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं और विकास कार्यों का नेतृत्व करते हैं।