Delhi NCR Metro: दिल्ली मेट्रो को लेकर एक खुश कर देने वाली ख़बर सामने आ रही है। दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की एक्वा लाइन के सेक्टर-51 और ब्लू लाइन (Blue Line) के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन आने जाने के लिए बन रहे स्काईवॉक (SkyWalk) का काम 6 महीने में कंप्लीट हो जाएगा। स्काईवॉक बनने से नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Metro Rail Corporation Limited) और दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) के दोनों स्टेशनों के बीच यात्रा करने वाले 50 हजार से ज्यादा यात्रियों को सुविधा मिलेगी। बीते चार महीने से इसका काम चल रहा है। जिसके पूरा करने की डेडलाइन 31 मार्च तय की गई है। अब तक करीब 45 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
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बता दें कि नोएडा सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन (Noida Sector-51 Metro Station) से ग्रेटर नोएडा तक बने एक्वा लाइन कॉरिडोर और पास से गुजरने वाले ब्लू लाइन कॉरिडोर के बीच लगभग 420 मीटर की दूरी है। इन दोनों स्टेशनों को आपस में जोड़ने के लिए कोई कॉमन प्लेटफॉर्म नहीं है। कॉरिडोर का निर्माण करते समय की गई अनदेखी के कारण वर्तमान में हजारों यात्री मेट्रो बदलने के लिए प्लेटफॉर्म से उतरकर पैदल जाते हैं। हालांकि एनएमआरसी ने ई-रिक्शा की व्यवस्था की है। लेकिन यह भी यात्रियों को सहूलियत प्रदान नहीं कर पा रहा है। इस वजह से यात्रियों को काफी असुविधा होती है। इसके समाधान के लिए नोएडा प्राधिकरण ने स्काईवॉक बनाने की योजना बनाई।
स्काईवॉक में आधार आदि तैयार करने के बाद स्टील के गर्डर आदि लगाए जा रहे हैं। इसी को आधार बनाते हुए स्काईवॉक बनाया जाएगा। स्काईवॉक पूरी तरह से वातानुकूलित (AC) होगा। जिसकी चौड़ाई 6.3 मीटर है। इसके ट्रेवलेटर की लंबाई 230 मीटर होगी। इसकी अनुमानित निर्माण लागत करीब 25 करोड़ है। इसमें सिविल के कार्यों के लिए 10.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाकी रकम इलेक्ट्रिक समेत अन्य कार्यों पर खर्च होगी।
एक्वा लाइन विस्तार की DPR भी अटकी
कॉमन प्लेटफॉर्म न होने के कारण एक्वा लाइन विस्तार की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्टर (DPR) भी रुकी हुई है। केंद्र सरकार के मंत्रालय से इसे मंजूरी नहीं मिल पा रही है। एनएमआरसी की तरफ से कहा गया है कि स्काईवॉक से समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। लेकिन फिलहाल मंत्रालय एनएमआरसी के इस तर्क को नहीं मान रहा है। उनकी तरफ से यह कहा गया था कि कोई ऐसा विकल्प तैयार किया जाए ताकि दोनों लाइनों को किसी कॉमन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए। हालांकि काफी विचार के बाद भी इस तरह की योजना तैयार नहीं हो पाई है। यही कारण है कि विस्तार की योजना अटकी हुई है।
आइकिया के प्रोजेक्ट को होगा फायदा
सेक्टर-51 और 52 मेट्रो के बीच के खाली जगह में आइकिया कंपनी का प्लॉट है। यहां कंपनी का निर्माण कार्य चल रहा है। अगले कुछ वर्षों में कंपनी यहां अपना स्टोर खोलेगी। उस समय इस स्काईवॉक के माध्यम से उक्त स्टोर में जाने की सुविधा भी मिलेगी। इसे इस तरह से बनाया जा रहा है कि दोनों स्टेशनों से उतरने के बाद यात्री सीधे आइकिया के स्टोर में जा सकें। बीच में लिफ्ट आदि से उतरने और स्टोर के तलों को इससे जोड़ा जाएगा। इसको लेकर पहले से ही योजना तैयार की गई है।
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