Health Insurance Rule Change: अगर आपने-अपने या परिवार के लिए किसी भी कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) ले रखा है तो यह अपडेट आपके काम का है। आईआरडीएआई (IRDAI) ने अब हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान के लिए एक ग्रेस पीरियड (Grace Period) निर्धारित किया है। बीमा नियामक ने कहा है कि अगर पॉलिसी अवधि के दौरान प्रीमियम का भुगतान किस्तों में किया जाता है, तो ग्रेस पीरियड के लिए भी कवरेज उपलब्ध होगा।
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आपको बता दें कि बीते दिनों बीमा नियामक इरडा ने हेल्थ इंश्योरेंस में कई बड़े बदलाव किए थे और अब एक बार फिर रेग्युलेटर ने मास्टर सर्कुलर जारी कर पॉलिसी लेने वालों को राहत दी है। इरडा ने हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के लिए ग्रेस पीरियड के नियमों में बदलाव किया है।
नए दिशा-निर्देशों के तहत अब प्रीमियम भुगतान (Premium Payment) के लिए जो नया ग्रेस पीरियड निर्धारित किया गया है, उसमें मासिक प्रीमियम के लिए 15 दिन और तिमाही प्रीमियम के लिए 30 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा।
ग्रे पीरियड में भी कवरेज देना जरूरी
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने पॉलिसीधारकों के लिए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) को सरल और बेहतर बनाने के लिए एक नया मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इसमें दिए गए पॉइंट्स में कहा गया है कि बीमा प्रीमियम का भुगतान किस्तों में मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना आधार पर किया जाता है, तो Health और सामान्य बीमा कंपनियों को छूट अवधि के दौरान कवरेज प्रदान करना जरूरी है।
जानिए प्रीमियम भुगतान के ग्रेस पीरियड के फायदे
आमतौर पर पॉलिसीधारकों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (Health Insurance Premium) का भुगतान करने के लिए एक ग्रेस पीरियड मिलता है, जो रिन्यूएबल की नियत तिथि से कुछ अतिरिक्त समय होता है। यह अवधि इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये उन्हें प्रीमियम का भुगतान करने और अपने बीमा कवरेज को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करती है। लेकिन सभी कंपनियां ये सुविधा नहीं देती हैं।
इसके फायदे की बात करें, तो यदि आप अप्रत्याशित कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो आपके पास ग्रेस पीरियड के भीतर अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करने का अवसर होता है। ग्रेस पीरियड आमतौर पर बीमा कंपनी और पॉलिसी टाइप के आधार पर तय किया जाता है।
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पहले बीमा कंपनियों के लिए नहीं था जरूरी
IRDAI ने अब प्रीमियम भुगतान के लिए एक ग्रेस पीरियड निर्धारित किया है। बीमा नियामक ने कहा है कि अगर पॉलिसी अवधि के दौरान प्रीमियम का भुगतान किस्तों में किया जाता है, तो ग्रेस पीरियड के लिए भी कवरेज उपलब्ध होगा।
इसके अलावा जहां प्रीमियम का भुगतान मासिक किस्तों के माध्यम से किया जाता है, उनका ग्रेस पीरियड 15 दिनों का होगा और जो लोग तिमाही, छमाही या सालाना किस्तों में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करते हैं, वे 30 दिनों की ग्रेस अवधि पाने के पात्र हैं। बता दें कि इससे पहले, बीमा कंपनियों के लिए ग्रेस पीरियड के दौरान स्वास्थ्य बीमा कवरेज देना अनिवार्य नहीं था।
कैशलैस क्लेम सेटलमेंट में ये बदलाव
अपने मास्टर सर्कुलर में इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस में कैशलेस भुगतान के नियमों (Cashless Payment Rule) में भी बड़ा फेरबदल किया गया है। इसके मुताबिक, बीमा कंपनियों के कैशलेस इलाज के लिए 1 घंटे अप्रूवल में देने के नए नियम से बीमाधारक को अस्पताल में जल्द से जल्द इलाज मिलना शुरू हो सकेगा।
वहीं इसके साथ ही इरडा ने हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के क्लेम से जुड़े नियम को बदलते हुए कहा है कि बीमा कंपनियों को हॉस्पिटल से जैसे ही मरीज के डिस्चार्ज की रिक्वेस्ट मिलेगा, उसके महज 3 घंटे के भीतर ही बीमा कंपनियों को अपना अप्रूवल देना जरूरी होगा। इसका मतलब है कि मरीज के डिस्चार्ज होने की रिक्वेस्ट के 3 घंटे में ही क्लेम सेटल या बिल सेटलमेंट हो जाएगा।