नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया
Board Exam 2024 Latest News: दरअसल, अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत वर्ष में दो बार बोर्ड एग्जाम के आयोजन का एलान किया था, ये फ्रेमवर्क एग्जामिनेशन सिस्टम में चेंजेस करने, बोर्ड एग्जाम की टेंशन न लेने के साथ साथ बच्चों के पास परसेंटेज को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
साथ ही यूपी , सीबीएसई, राजस्थान बोर्ड, एमपी बोर्ड सहित कई बोर्ड के स्टूडेंट में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि क्या बोर्ड एग्जाम में पास होने के बाद भी उन्हें बोर्ड के द्वारा आयोजित दूसरी बोर्ड परीक्षा भाग लेना होगा कि नहीं। ऐसे में बच्चों के कन्फ्यूजन पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्टूडेंट्स के लिए वर्ष में दो बार क्लास 10 और क्लास 12 की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। ये ऑप्शन केवल स्टूडेंट्स के स्ट्रेस को कम करने के लिए ही किया जा रहा है।
धर्मेंद्र प्रधान ने ये भी कहा कि स्टूडेंट्स के पास इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईई की तरह वर्ष में दो बार क्लास 10 और 12 की बोर्ड एग्जाम में बैठने का विकल्प होगा। क्योंकि स्टूडेंट ये सोचकर स्ट्रेस लेते हैं, कि उनका एक वर्ष तो पूरा बेकार चला गया। इसलिए इस डर को खत्म करने के लिए साल में दो बार बोर्ड एग्जाम का ऑप्शन दिया जा रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि, यदि किसी भी स्टूडेंट को ये लगता है कि वे पूरी तरह से रेडी है और परीक्षा के पहले सेट के स्कोर से बिल्कुल संतुष्ट है, तो वे अगली परीक्षा में न शामिल होने का विकल्प का चयन कर सकता है। कुछ भी अनिवार्य नहीं होगा।
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डमी स्कूल का मुद्दा
केंद्रीय मंत्री का ये भी कहना है कि डमी स्कूल के मुद्दे को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। समय आ गया है कि इसके ऊपर गंभीर विचार किया जाए। ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या कुल स्टूडेंट्स की संख्या की तुलना में बहुत अधिक भी नहीं है। केंद्र इस ओर काम कर रहा है कि स्टूडेंट को कोचिंग न करनी पड़े। धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि डमी स्कूल के मुद्दों को कई विशेषज्ञों ने उठाया है। जिनका ये कहना है कि स्कूल न जाने से छात्रों के व्यक्तिगत विकास में बाधा आती है, और वे खुद को अलग और तनावग्रस्त महसूस करते हैं।