नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
Kota News: राजस्थान के कोटा से आय दिन स्टूडेंट्स के एक के बाद एक सुसाइड केस निकलकर सामने आ रहे हैं. इसको रोकने के लिए कई अहम स्टेप्स भी उठाये जा रहे हैं. पीजी वार्डन से लेकर टिफिन सेवा देने वाले लोगों से भी छात्रों का खास तरह से ध्यान देने के लिए कहा गया है. कोटा का कोचिंग हब और पीजी आवास में रहने वाले स्टूडेंट्स में डिप्रेशन या स्ट्रेस के किसी भी लक्षण का पता लगाने के लिए मेस कर्मचारियों, वार्डन और टिफिन सेवा प्रदाताओं की सहायता ली जा रही है.
दरअसल, इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा और मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ( NEET) के कैंडिडेट एक्साम्स की तैयारी करने के लिए हर वर्ष 2 लाख से भी ज्यादा कोटा आते हैं. साल 2023 में स्टूडेंट्स की सुसाइड के नंबर सबसे ज्यादा देखने को मिले.अब तक 22- जिनमें से दो ने 27 अगस्त को घंटों के भीतर ही ये जानलेवा कदम उठाया था. तेजी से बढ़ रहे आकड़ों को देखते हुए कोटा में कई जरूरी स्टेप उठाए जा रहे हैं.
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“दरवाजे में दस्तक” अभियान
वार्डन को दरवाजे में दस्तक अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. कोटा की पुलिस ने मेस के स्टाफ और टिफिन वालों से आग्रह किया है कि अगर कोई स्टूडेंट बार-बार मेस से गायब रहता है और खाना समय पर नहीं खा रहा है तो तुरंत ही रिपोर्ट करें. कोटा के एएसपी चंद्रशील ठाकुर ने पीटीआई से बातचीत के दौरान बताया कि, हमने “दरवाजे के दस्तक” नाम से एक कैंपेन शुरू किया है, जहाँ हम सभी वार्डन से आग्रह कर रहे हैं कि वे रात्रि 11 बजे हर एक स्टूडेंट के दरवाजे में दस्तक दें. उनके हाल-चाल पूंछे और उनके ऊपर नजर रखें. कोचिंग के बाद का समय बच्चे ज्यादातर हॉस्टल में बिताते हैं, इसलिए उनके ऊपर नजर रखना जरूरी है.
वहीं, जिला प्रशासन ने हाल ही में आत्महत्याओं के मद्देनजर कोचिंग सेंटर को आने वाले दो महीनों के लिए नीट सहित अन्य एग्जाम की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए रेगुलर टेस्ट आयोजित करने से रोकने का निर्देश दिया है.