कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
जो लोग इंदिरापुरम-वैशाली-गाजियाबाद में रहते हैं उनके लिए ये ख़बर बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। क्योंकि इन इलाके में रहने वाले लोगों से जल्द ही जीडीए 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली करने की तैयारी कर रहा है। क्योंकि जीडीए को अब इस ज़मीन अधिग्रहण के लिए अधिक कीमत का भुगतान करना पड़ेगा।
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क्या है पूरा मामला..समझ लीजिए
दरअसल इंदिरापुरम और वैशाली योजना के लिए GDA ने 1983 में जमीन का अधिग्रहण किया था। वैशाली में 485 एकड़ और इंदिरापुरम में 1285 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। डेवेलपमेंट चार्ज समेत अन्य खर्च को जोड़ते हुए जीडीए ने यहां पर 695 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से वैशाली में भूमि का आवंटन किया था। इंदिरापुरम में भी ऐसा ही किया गया था।
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अभी वैशाली और इंदिरापुरम क्षेत्र के 25 फीसदी किसानों ने ही सुप्रीम कोर्ट में केस करके जीत हासिल की जिसके बाद इनके मुआवजे की राशि 400 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। जबकि बाकी 75 फीसदी किसान केस किए जाने की तैयारी कर रहे हैं। यदि पूरे मुआवजे की बात करें तो वह करीब 1600 करोड़ रुपये के आसपास बैठेगा।
इंदिरापुरम और वैशाली क्षेत्र की जमीन का अधिग्रहण करीब 32 साल पहले किया गया था। उस समय वैशाली में 50 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। जबकि इंदिरापुरम में 90 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा किसानों को मिला था। मुआवजे की राशि को लेकर किसानों में आक्रोश था और उन्होंने के कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. किसानों का पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मुआवजे के राशि बढ़ाकर 297 रुपये प्रति गज कर दी है। इस कारण GDA को अब किसानों को 400 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा देना पड़ेगा।
अब GDA ने इसकी कॉस्टिंग करने के लिए जोन 6 के इंजीनियरिंग अनुभाग को पत्र लिखा है। GDA कोर्ट का फैसला आने से पहले ही पूरी कॉस्टिंग तैयार कर के पैसा वसूलने तैयारी कर चुका है. इशारा साफ है…जो पैसा किसानों को दिया जाएगा वो GDA यहां रहने वाले आवंटियों से ही वसूल करेगा।