नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
देश के कई शहरों में दर्जन हाउसिंग प्रोजेक्टस अभी भी रुके पड़े हैं, इससे लाखों होमबायर्स को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन जल्द से जल्द ही उन्हें राहत मिल सकती है। RBI उनके लिए एक खास व्यवस्था बनाने पर विचार कर रहा है।
बैंक ऐसे कस्टमर्स को अतिरिक्त फाइनेंस दे सकते हैं जिन लोगों का होम लोन अकाउंट रिवाइव हुआ है। इससे देश में रुके सभी हाउसिंग प्रोजेक्टस को पूरा करने में काफी हद तक सहायता मिलेगी।
भारत देश में ज्यादातर हाउसिंग प्रोजेक्टस फंड्स की कमी के कारण रुके हुए हैं। देश में रुके पड़े कुल हाउसिंग प्रोजेक्टस में से तकरीबन दो तिहाई एनसीआर यानी गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम या मुंबई में हैं। इनमें कुल 60 प्रतिशत फ्लैट्स होमबायर्स ने खरीद रखे हैं और कुल दो लाख करोड़ रुपए की पूंजी लगी है।
जानकारी के अनुसार अभिताभ कांत की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। 19 जून को इसकी एक बैठक हुई जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर में रुके हुए प्रोजेक्ट्स से जुड़े मुद्दों पर विचार किया गया।
इस बैठक में बैंक्स में होमबायर्स को एक्स्ट्रा फंड जारी करने के लिए खास रेगुलेटरी व्यवस्था की मांग की। ये फंड ऐसे होम लोन अकाउंट को दिया जाएगा, जिन्हें रिवाईव किया है। मीटिंग में शामिल हुए एक सूत्र ने बताया कि आरबीआई के एक प्रतिनिधि ने बताया कि बैंक खास प्रकार के व्यवस्था में विचार करेगा। आरबीआई जल्दी ही अपने फैसले के बारे में समिति को भी बताएगा। इस बारे में आरबीआई को अब भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं आया है।
जानिए की कैसा होगा समाधान ?
बताते चलें की मीटिंग में इनसोल्वेंसी और बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन रवि मित्तल, फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी, फाइनेंस और हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री
के सीनियर अधिकारी, आरबीआई के प्रतिनिधि और नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ,इंडियन बैंक्स एसोसिएशन और एसबीआई कैंप वेंचर्स ने भी पार्टिसिपेट किया।
इससे पहले अधिकारियों ने कहा था सरकार अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्टस की प्रोब्लम के समाधान के लिए कई मोर्चों पर काम कर रही है। इसमें रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी और लास्ट माइल फाइनेंसिंग के लिए स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग फंड की भी सहायता ली जा रही है। वहीं होमबायर्स को जल्दी से जल्दी फ्लैट्स को डिलीवरी के लिए आईबीसी की सहायता से हाउसिंग प्रोजेक्टस में दबाव का समाधान किया जा रहा है। इसमें हाउसिंग के लिए इनेवेटिव आईबीसी मैकेनिज्म भी शामिल है।