Bihar News: बिहार में पुल गिरने और धंसने का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। बिहार में निर्माणाधीन पुल लगातार गिर रहे हैं इसी क्रम में बिहार के मधुबनी (Madhubani) जिला के झंझारपुर (Jhanjharpur) में एक और निर्माणाधीन पुल गिर गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते 11 दिनों के अंदर बिहार में पुल गिरने की यह पांचवीं घटना है। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।
ये भी पढे़ंः FASTag: सावधान! अब ऑनलाइन नहीं बल्कि फास्टैग से ही कट जाएगा चालान
आपको बता दें कि मधुबनी (Madhubani) में जो निर्माणाधीन पुल गिरा (Bridge collapses) उसकी लंबाई 77 मीटर है और इस पुल के दो पिलर के बीच में बीम (long girder) का हिस्सा नीचे गिर गया है। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन ने इस लापरवाही को छुपाने के लिए टूटे हुए हिस्से को काले रंग के प्लास्टिक से ढक दिया है। जिससे लोगों को पुल गिरने की खबर न हो। मधुबनी का यह पुल लगभग तीन करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है। यह पुल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा निर्माण किया जा रहा था। भुतही नदी पर यह पुल लगभग तीन वर्षों से बन रहा है।
इस पुल के निर्माण का ठेका दरभंगा (Darbhanga) निवासी ठेकेदार अमरनाथ झा के पास है। लोगों ने जानकारी दी कि जहां शटरिंग की गई थी, वहां नदी में तेज बहाव के साथ जलस्तर में वृद्धि हो गई। पानी का तेज बहाव शटरिंग को बहा ले गया और बीम टेढ़ी होकर लटक गई।
24 जून से पहले ही ध्वस्त हो चुका था पुल
एक मीडिया चैनल की खबर के अनुसार यह पुल 24 जून से पहले ही ध्वस्त हो चुका था। 24 जून को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता रामाशीष पासवान ने पुल का निर्माण कर रहे संवेदक अमरनाथ झा को लेटर के माध्यम से इसकी सूचना दिए। उन्होंने लिखा था कि पुल का एक हिस्सा लटक गया है और इस कारण इसे दोबारा बनाया जाए।
ये भी पढे़ंः लखनऊ में फ़्लैट ख़रीदने वालों के लिए ख़ुशख़बरी..पढ़िए डिटेल
कार्यपालक अभियंता के इस पत्र के जवाब में अमरनाथ झा ने यह बात कही थी कि बीम के ढलाई के 3 दिन के अंदर ही कोसी नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने लगा, जिसके कारण से पुल का यह हिस्सा लटक गया। कोसी नदी में अभी जलस्तर काफी बढ़ा है, इसलिए जलस्तर कम होने के बाद पुनः निर्माण कराया जाएगा.
11 दिनों में 5 पुल गिरे
आपको बता दें कि पिचले 11 दिनों में बिहार में पुल गिरने की यह पांचवीं घटना है। इसके बाद पुलिस निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे पहले 18 जून को एरिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी के ऊपर बना रहा पुल गिर गया था। इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया। बताया जाता है कि यह पुल लगभग 40-45 साल पुराना था.।
इसके बाद 23 जून को पूर्वी चंपारण में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा पुल ध्वस्त हो गया था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था और इसी वजह से पुल गिर गया। 27 जून को बिहार के किशनगंज में भी कंकाई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बन रहा पुल गिर गया था।