Intelligent Traffic Management System: अगर आप भी रोड सुरक्षा कानूनों को अनदेखी करते हैं तो सावधान हो जाइए। अब आपको रोड सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन भारी पड़ सकता है। आपको बता दें कि कर्नाटक (Karnataka) ने इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Intelligent Traffic Management System) शुरू करने का निर्णय लिया है। इस सिस्टम में बेंगलुरु-मैसूर रोड नेटवर्क (Bengaluru–Mysore Road Network) को कैमरों से लैस कर दिया जाएगा। यहां लगे कैमरे कानूनों का उल्लंघन करने वालों की पहचान करेंगे जिससे उनके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जा सके। सरकार का प्रयास है कि फास्टैग से चालान काटे जा सकें। इसके लिए टोल गेट (Toll Gate) को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़े जाने की कोशिश भी की जा रही है।
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बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पर लगाए जाएंगे कैमरे और स्पीड गन
आपको बता दें कि कर्नाटक पुलिस ने नशे में वाहन चलाने वालों की जांच करने के लिए 800 एल्कोमीटर सहित 155 लेजर स्पीड गन पूरे प्रदेश में बांटी हैं। ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा के एडीजीपी आलोक कुमार ने जानकारी दी कि 1 जुलाई से पूरे बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे (Bengaluru Mysuru Expressway) को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा। दिसंबर, 2022 में इस सिस्टम को बेंगलुरु में लॉन्च किया गया था। ITMS टेक्नोलॉजी के अनुसार 50 प्रमुख जंक्शनों पर 250 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान कैमरे और 80 रेड लाइट से जुड़े नियमों का पता लगाने वाले कैमरे लगा दिए गए हैं। 1 जुलाई से मैसूर में ट्रैफिक के नियम तोड़ने वालों को चालान मिलना शुरू हो जाएगा।
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जुलाई में जारी होगा टेंडर
आलोक कुमार ने बताया कि मैसूर में एक ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर स्थापित किया गया है। बहुत ही जल्द नियम तोड़ने वालों को रियल टाइम पर एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा। कैमरों की सहायता से कई क्षेत्रों की निगरानी भी होगी। उन्होंने बताया कि ITMS को बेंगलुरु से जोड़ने वाले सभी हाईवे पर लगाया जाएगा। राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव के लिए मंजूरी भी दे दी है। इसके लिए सरकार की ओर से जुलाई में टेंडर जारी किए जाएंगे।
फास्टैग वॉलेट से कट जाएगा चालान
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में राज्य पुलिस की ट्रैफिक और रोड सेफ्टी विंग ने टोल गेटों पर चालान सिस्टम को फास्टैग के साथ इंटीग्रेट करने पर चर्चा की है। इससे फास्टैग वॉलेट से सीधे जुर्माना वसूला जा सकेगा। एडीजीपी ने इसकी मंजूरी के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखने की योजना बनाई है।
बेंगलुरू में हुआ था लॉन्च
2022 में इस सिस्टम को सबसे पहले बेंगलुरू में लॉन्च किया गया था। जिसके तहत शहर के 50 प्रमुख जंक्शन पर 250 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट की पहचान करने वाले कैमरे और 80 आरएलवीडी कैमरे लगाए गए थे। अब इस सिस्टम का विस्तार मैसूर तक हो गया है।
जानिए कितनी आई लागत
ITMS को मैसूर तक लाने में लगभग 8.5 करोड़ रुपये की लागत आई है। जिसमें सिर्फ मैसूर शहर में चार करोड़ रुपये और जिले में 4.5 करोड़ रुपये की सहायता से इस सिस्टम को लगाया गया है। अब इस सिस्टम को एक जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा।
ITMS को जानिए
आपको बता दें कि आईटीएमएस एक इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है, जिसमें हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है। इसकी सहायता से मैनेजमेंट सेंटर में पुलिसकर्मी उन वाहनों पर भी नजर रख पाते हैं, जो ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हैं। यह कैमरा ऐसे वाहनों की रियल टाइम इमेज लेता है और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर चालान काट दिया जाता है।