केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को दिल्ली में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब चैनल्स के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित इस बैठक में उन्होंने इंडस्ट्री से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की और उनसे परेशानियां सुनने के साथ-साथ बेहतरी के लिए सुझाव भी मांगे।
इस दौरान अनुराग ठाकुर के साथ बैठक में ट्रेडिनशनल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे- बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड, एचटी मीडिया, इंडिया टुडे ग्रुप और नेटवर्क18 के डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों के साथ-साथ ‘द लल्लनटॉप’, ‘द फ्रस्ट्रेटेड इंडिया’ और ‘ऑप इंडिया’ जैसे डिजिटल चैनल्स समेत यूट्यूब चैनल्स निशा मधुलिका, खबर इंडिया, जन की बात और क्विक रिस्पॉन्स टीम आदि के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मंत्रालय तेजी से बढ़ते डिजिटल न्यूज पारिस्थितिकी तंत्र (digital news ecosystem) में प्रमुख हितधारकों (stakeholders) के साथ चर्चा करने के लिए लंबे समय से योजना बना रहा है, ताकि इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए नीतियों और मैकेनिज्म को इस तरह से तैयार किया जा सके कि नए कंटेंट क्रिएटर्स और युवा पत्रकारों की रचनात्मकता और इनोवेशन पर अंकुश न लगे।’
बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म और यूट्यूब चैनल्स को प्रभावित करने वाले व्यापक स्पेक्ट्रम में सरकार से नीतिगत हस्तक्षेप की मांग की, लेकिन उनकी प्रमुख चिंताएं तीन प्रमुख पहलुओं- recognition, accreditation और advertising को लेकर ज्यादा थीं। इसके अलावा बैठक में ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के लिए मध्यस्थता का मुद्दा भी उठा।
इन प्रतिनिधियों का यह भी कहना था कि युवा और छोटे आकार के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के पत्रकारों के सामने मान्यता की कमी आती है, जिससे अक्सर उन्हें ग्राउंड रिपोर्टिंग करते समय पुलिस समेत तमाम विभागों के सामने परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि इसके लिए सरकार से संबद्ध एक ट्रिब्यूनल होना चाहिए, जिसमें वे खुद को पत्रकार के रूप में पंजीकृत कर सकें और हिंसा वाली जगहों पर आसान पहुंच के लिए प्रेस कार्ड प्राप्त कर सकें। इसके अलावा तमाम सरकारी कार्यक्रमों और प्रेस वार्ता में प्रवेश कर सकें।
पत्रकारों के एक वर्ग ने सरकार द्वारा पंजीकरण या मान्यता दिए जाने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया और कहा कि यदि सरकार ऐसे पत्रकारों को इस तरह की शक्ति देती है तो कई इसका दुरुपयोग भी कर सकते हैं। कई पत्रकारों ने छोटे चैनल्स के लिए मान्यता की मांग करते हुए कहा कि बड़े मीडिया घरानों के लिए अपनी डिजिटल टीमों को मान्यता दिलाना आसान है। पत्रकारों, विशेष रूप से यूट्यूब और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के पत्रकारों ने विज्ञापन राजस्व की कमी के बारे में भी शिकायत की।
बैठक में अनुराग ठाकुर ने आश्वासन दिया कि मंत्रालय इन सभी शिकायतों/सुझावों को ध्यान में रखेगा और इंडस्ट्री को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए आवश्यक नीतियां तैयार करेगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मीडिया आगे बढ़ाने में इस तरह की बैठकें बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम निश्चित रूप से कुछ हफ्तों में इस तरह की कवायद करेंगा।
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