New Vande Bharat Express Train: दिल्ली से आगरा (Agra) जाने वालों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि दिल्ली (Delhi) से आगरा (Agra) पहुंचने के लिए मात्र 75 मिनट का ही समय लगेगा। यह खबर पढ़कर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यह खबर एकदम सही है। दिल्ली से आगरा सफर करने वाले लोगों को रेलवे सौगात देने जा रहा है। अब नई दिल्ली के लिए एक और वंदे भारत ट्रेन उतरने वाली है। आइए इस नई वंदे भारत मेट्रो के बारे में आपको सारी जानकारी देते हैं।
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जानिए कितनी होगी रफ्तार
नई वंदे भारत ट्रेन यूपी (UP) के आगरा से शुरू होकर नई दिल्ली तक चलेगी। वहीं इसकी स्पीड की बात करें तो ये बाकी ट्रेनों के कंपेरिजन में बेहद तेज होने वाली है। जहां बाकी ट्रेनें नई दिल्ली से आगरा के बीच की दूरी 2 से 4 घंटों में तय करती हैं तो वहीं यह ट्रेन 200 किलोमीटर की दूरी को मात्र सवा घंटे यानी 75 मिनट में कवर करने वाली है। यानी की वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली है।
जुलाई में होगा ट्रायल
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express Train) के बारे में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और CEO जया वर्मा ने जानकारी दी कि इस इस ट्रेन में 16 कोच होने वाले हैं। यह नई दिल्ली पहुंचने से पहले आगरा और लखनऊ स्टेशनों से होकर निकलेगी। उनका यह भी कहना है कि इस ट्रेन का ट्रायल जुलाई में रेलवे सेक्शन पर किया जाएगा।
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ट्रेन की टाइमिंग
आगरा और नई दिल्ली के बीच की दूरी 200 किमी की है। इस दौरान जितनी भी ट्रेनें इस रूट पर दौड़ रही हैं उनका एवरेज टाइमिंग 2 से 4 घंटे का है। वहीं इंटरसिटी ट्रेन सुबह 5.50 बजे कैंट स्टेशन से निकलती है। ऐसे में यह उम्मीद लगाई जा रही है कि नई दिल्ली-आगरा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की टाइमिंग भी सुबह की ही होने सकती है
जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि भारतीय रेलवे इस समय 150 से 200 किमी की दूरी वाले शहरों के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाने की तैयारी कर रहा है। बीते सप्ताह में पलवल और वृंदावन के बीच ट्रेन के कवच सिस्टम का भी ट्रायल हुआ है। जिस ट्रेन का ट्रायल किया गया, वह 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन थी, जिसमें 8 डिब्बे थे।
सफल रहा ट्रायल
जया वर्मा सिन्हा ने कवच की क्षमता के आकलन के बारे में बताते हुए ये भी कहा कि ये कवच सिस्टम का ट्रायल सफल रहा। इस ट्रेन कवच की सहायता से ट्रेन लाल सिग्नल पर आराम से खुद ब खुद रुक गई। लोको पायलट के बिना कुछ किए ही कवच की सहायता से स्पीड को कंट्रोल कर लिया गया। इसी ट्रायल के बाद वंदे भारत मेट्रो ट्रेन को उत्तर प्रदेश में चलाने का निर्णय लिया गया है।