सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Delhi Demolition: दिल्ली कोर्ट ने राजस्व विभाग (Revenue Department) को आदेश दिया है कि उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके के झड़ौदा गांव में 800 मकानों को गिराने के कोर्ट के आदेश (Court Order) से हड़कंप मच गया है। इसके विरोध में सोमवार को लोग सड़कों (People Roads) पर उतर आए। स्थानीय लोगों की भारी भीड़ ने जीटी करनाल रोड, वजीराबाद हाईवे और आसपास की कई सड़कों को जाम कर दिया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी।
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जानिए क्या था पूरा मामला
इस मामले में प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मनमाने तरीके से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। अगर सरकार को लगता है कि गलत तरीके से कब्जा करके मकान बनाए गए हैं तो फिर उन लोगों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। जो लोगों ने जमीन बेची है।
आपको बता दें कि कोर्ट ने राजस्व विभाग को आदेश दिया है कि झड़ौदा गांव (Jharauda Village) में खसरा नंबर 28 और 29 की जमीन को खाली कराकर उसे असली जमीन के मालिक को सौंपा जाए। इसलिए राजस्व विभाग ने जमीन खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रशासन (Administration) जिस जमीन को खाली कराना चाहता है। उस पर करीब 800 घर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम यहां 30 से 40 वर्षों से बसे हुए हैं। अब अगर हमारे घरों को तोड़ा जाता है तो हम सड़क पर आ जाएंगे। वहीं प्रशासन ने 19 नवंबर तक सभी मकान खाली करने को कहा है वरना 20 नवंबर से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
अधिकारियों की जवाबदेही तय हो
दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) की निर्माण समिति के पूर्व अध्यक्ष जगदीश ने कहा कि जिन विभागों के पास इस जमीन का स्वामित्व रहा है। वे 1980 के दशक से अपनी जमीनों की सुरक्षा नहीं कर पाए हैं। जहां पर भी सरकारी जमीनों और कृषि भूमि पर अवैध निर्माण (Illegal Construction) हुआ है। उसके लिए इन विभागों के अधिकारी जिम्मेदार हैं। इन सभी की जवाबदेही तय करते हुए इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। लोगों को परेशान करना उचित नहीं है। फिलहाल संबंधित विभाग सामान्य दर के अनुसार इन लोगों से रकम वसूले और घरों को नियमित करे। साथ ही लोगों के लिए ऐसे मामलों में स्थायी समाधान निकाले। जिससे उन्हें बेघर न किया जा सके।
करीब 3 घंटे जाम से जूझते रहे लोग
प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों के कारण वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ा। वजीराबाद में आउटर रिंग रोड पर करीब 3 घंटे तक जाम लगा रहा। जिसके चलते ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) को कुछ इलाकों में डायवर्सन करना पड़ा। हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे लोग पुलिस और प्रशासन के समझाने के बाद भी हटने को तैयार नहीं थे। देर शाम को प्रशासन की कोशिशों के बाद सड़क को खाली किया गया।
डीडीए से आदेश कोई सम्बन्ध नहीं
इस मामले में डीडीए (DDA) का कहना है कि उसका इससे कोई मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है। मकानों को तोड़ने का आदेश राज्य सरकार के लैंड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट (Land and Building Department) की ओर से जारी किया गया है। बता दें कि विधायक संजीव झा बुराड़ी में जब इस क्षेत्र को बसाया गया था। तब डीडीए कहां पर था। अब यहां लोगों को बिजली का कनेक्शन नहीं मिल रहा है। हर सुविधा के लिए वसूली की जा रही है। डीडीए एलजी के नियंत्रण में है। एलजी से मिलने का समय मांगा है। साथ ही डीडीए को ई-मेल किया है। उम्मीद है कि एलजी जल्दी ही इस मामले में मिलने का समय देंगे।