Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।
Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट (Report) सामने आई है। बता दें कि जनवरी 2025 से लेकर 23 जुलाई तक, दिल्ली (Delhi) से करीब 7,880 लोग लापता हो चुके हैं, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। यह जानकारी जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (Zipnet) द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आई है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

महिलाओं की संख्या ज्यादा
जिपनेट (Zipnet) के मुताबिक, लापता लोगों में 4,753 महिलाएं और 3,133 पुरुष शामिल हैं। बाहरी उत्तरी दिल्ली जिले में सबसे अधिक 908 गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए, जिनमें बवाना, स्वरूप नगर और समयपुर बादली जैसे इलाके शामिल हैं। इसके विपरीत, हाई सिक्योरिटी वाले नई दिल्ली जिले में सबसे कम 85 लोग लापता हुए, जहां तिलक मार्ग, चाणक्यपुरी और संसद मार्ग जैसे क्षेत्र आते हैं।
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जिलों में गुमशुदगी के आंकड़े
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर पूर्वी दिल्ली में 730 मामले दर्ज किए गए, जो दूसरे स्थान पर है। इसके बाद दक्षिण पश्चिम जिले में 717, दक्षिण पूर्व में 689, बाहरी जिले में 675, द्वारका में 644, उत्तर पश्चिम में 636, पूर्वी जिले में 577, रोहिणी में 452, मध्य जिले में 363, उत्तर जिले में 348, दक्षिण जिले में 215 और शाहदरा में 201 गुमशुदगी के मामले सामने आए।
अज्ञात शवों के मिले 1,486 मामले
इसी अवधि में दिल्ली (Delhi) में 1,486 अज्ञात शव बरामद हुए, जिनमें अधिकांश पुरुषों के थे। उत्तरी जिले में सबसे अधिक 352 अज्ञात शव मिले, जिनमें कोतवाली, सब्जी मंडी और सिविल लाइंस जैसे इलाके शामिल हैं। अन्य जिलों में मध्य जिले में 113, उत्तर पश्चिम में 93, दक्षिण पूर्व में 83, दक्षिण पश्चिम और उत्तर पूर्व में 73-73, बाहरी जिले में 65, पूर्वी जिले और नई दिल्ली में 55-55, पश्चिम और बाहरी उत्तर में 54-54, रोहिणी में 44, शाहदरा में 42, द्वारका में 35, दक्षिण में 26 और रेलवे में 23 अज्ञात शव मिले।

क्या है जिपनेट?
जिपनेट एक केंद्रीकृत डेटाबेस (Database) है, जिसका उपयोग कानून प्रवर्तन एजेंसियां लापता व्यक्तियों और अज्ञात शवों का पता लगाने के लिए करती हैं। यह डेटाबेस कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डेटा को संकलित करता है, जिससे पुलिस को गुमशुदगी के मामलों की जांच में मदद मिलती है।
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बता दें कि दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने और अज्ञात शवों की बरामदगी ने चिंता बढ़ा दी है। खासकर बाहरी उत्तरी और उत्तर पूर्वी जिलों में गुमशुदगी के उच्च आंकड़े गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं।

