Dawood Ibrahim Property Auction: भारतीय जांच एजेंसियां अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) पर लगातार शिकंजा कस रही हैं। इसी कड़ी में कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले (Ratnagiri District) में स्थित दाऊद की कई प्रॉपर्टियों को नीलाम (Auction) करने का फैसला लिया है। अब एक बार फिर दाऊद की संपत्ति कौड़ी के भाव बिक रही है। पढ़िए पूरी खबर…
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मुंबई (Mumbai) से करीब 250 किलोमीटर दूर रत्नागिरी के खेड़ इलाके में दाऊद इब्राहिम और उसके परिवार की 4 प्रॉपर्टीज नीलाम की जाएगी। इस बार की नीलामी में दाऊद की मां अमीना बी के नाम रत्नागिरी जिले (Ratnagiri District) की 4 संपत्ति शामिल है।
4 प्रॉपर्टियों की कीमत महज 19 लाख
एक बार फिर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की संपत्तियों की नीलामी होने जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि कुछ लोग इन संपत्तियों पर बोली लगाने के लिए आएंगे। आपको बता दें कि दाऊद की संपत्तियों की नीलामी करवाने का सिलसिला आज से करीब 25 साल पहले शुरू हुआ था। ये करना आसान नहीं था।
भारत के दुश्मन नंबर 1 को ऐसा पहला झटका दिसंबर वर्ष 2000 में इनकम टैक्स विभाग ने दिया था। जब दाऊद की संपत्ति नीलाम हुई थी। वहीं आज की नीलामी की बात करें तो चारों प्रॉपर्टी की कीमत 19 लाख बताई गई है। दाऊद इब्राहिम की प्रॉपर्टी होने की वजह से इस प्रॉपर्टी की नीलामी हो रही है। आज हो रही नीलामी का हिस्सा आप भी बन सकते हैं। लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि आपको उसका कब्जा कब तक मिल पाएगा?
2000 में हुई पहली नीलामी में बोली लगाने कोई नहीं आया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले भी एजेंसियों ने दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की संपत्ति नीलाम की तो आतंकवादी के डर के मारे लोग उसे खरीदने नहीं आए। क्योंकि उनके मन में दहशत थी कि दाऊद के गुर्गे कहीं नाराज होकर हत्या जैसी वारदात को अंजाम न दे दें। इक्का दुक्का लोगों ने हिम्मत तो दिखाई लेकिन पूरा भुगतान करने के सालों बाद तक उन्हें उस संपत्ति का कब्जा नहीं मिल सका। आज भी लोग दाऊद के देश में छिपे गुर्गों या दाऊद के परिजनों के डर की वजह से सस्ती जमीन मिलने के बावजूद किसी झमेले में नहीं पड़ना चाहते हैं। जिससे उन्हें या उनके परिवार की जान को खतरा हो सकता है।
वर्ष 2001 की नीलामी में खरीदी थी दाऊद की प्रॉपर्टी जानिए क्या हुआ?
नीलामी मार्च वर्ष 2001 में हुई और उस नीलामी में अजय श्रीवास्तव (Ajay Srivastava) बोली लगाने वाले एकमात्र शख्स थे। उन्होंने नागपाड़ा के जयराजभाई गली में दाऊद की 2 दुकानों पर बोली लगाई और उसे खरीद लिया। भले ही कागज पर वे उन दोनों दुकानों के मालिक हो गए थे लेकिन आज तक उन दुकानों का कब्जा अजय श्रीवास्तव को नहीं मिल पाया है। यहां तक कि वे उसे सिर्फ एक बार ही देखने जा सके, वो भी कड़े पुलिस बंदोबस्त के साथ गए थे।
कब्जा हासिल करने के लिए अजय श्रीवास्तव ने लघुवाद न्यायालय में मुकदमा दायर किया था। जिसमें दाऊद की बहन हसीना पारकर प्रतिवादी थी। पहले तो कई तारीखों पर पारकर की तरफ से कोई अदालत में आया ही नहीं, लेकिन जब अदालत ने चेतावनी दी कि वो एक्स पार्टी (एकतरफा) आदेश देगी तो हसीना के वकीलों ने आना शुरू किया। साल 2011 में श्रीवास्तव ने मुकदमा जीत लिया। इसके बावजूद आज तक संपत्ति का कब्जा उन्हें नहीं मिल पाया है और वे अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। लघुवाद न्यायालय के आदेश को दाऊद की बहन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी। 6 जुलाई 2014 को हसीना पारकर की मृत्यु हो गई और उसके बाद हसीना के बच्चे मुकदमा आगे लड़ रहे हैं।
अजय को डी कंपनी से आए धमकी भरे फोन
अजय श्रीवास्तव को डी कंपनी (D Company) की ओर से धमकी भरे फोन भी आए एक बार दाऊद के रिश्तेदारों ने उसके सामने ये पेशकश भी की कि वे पैसे लेकर संपत्ति पर अपना दावा छोड़ दें। लेकिन अजय श्रीवास्तव ने इससे इनकार कर दिया। वह आज भी मुकदमा लड़ रहे हैं। संपत्ति का नीलाम होना दाऊद के रुतबे पर एक प्रहार था। और अगर उस पर से कब्जा हट जाता है तो डी कंपनी के लिए ये बेइज्जती वाली बात होती। श्रीवास्तव ने एक बार संपत्ति मुंबई पुलिस को भी दान करने की पेशकश की, लेकिन मुंबई पुलिस ने लेने से मना कर दिया।
वर्ष 2021 में हुई नीलामी में दाऊद का पुश्तैनी घर भी खरीदा
वर्ष 2021 में फिर एक बार तस्करी विरोधी कानून सफेमा के अनुसार जब्त की गई दाऊद की संपत्तियों की नीलामी हुई। इस नीलामी में रत्नागिरी जिले के मुंबके गांव में दाऊद के पुश्तैनी घर को भी लिस्ट किया गया था। उसी घर में दाऊद इब्राहिम का जन्म हुआ था। अजय श्रीवास्तव ने फिर एक बार इस संपत्ति पर बोली लगाई और जीत गए। इस बार भी वे संपत्ति का कब्जा हासिल नहीं कर पाए।
सरकारी विभाग की ओर से तैयार किये गये कागजों में कुछ गड़बड़ियां थीं। जिसकी वजह से संपत्ति का रजिस्ट्रेशन उनके नाम पर नहीं हो पाया। काफी भागदौड़ के बाद अब वो गलतियां सही की गई हैं और श्रीवास्तव को उम्मीद है कि जल्द ही संपत्ति का रजिस्ट्रेशन उनके नाम हो जायेगा। लेकिन अभी तक कब्जा नहीं मिला।
पीयूष जैन ने भी खरीदी थी दाऊद की संपत्ति, अब काट रहे हैं अदालत के चक्कर
पीयूष जैन (Piyush Jain) नाम के दिल्ली के कारोबारी भी दाऊद की संपत्ति पर बोली लगाकर पछता रहे हैं। 20 सितंबर 2001 को हुई नीलामी में उन्होंने ताड़देव इलाके की एक दुकान पर बोली लगाई थी। उमेरा इंजीनियरिंग वर्क्स नाम की ये दुकान 144 वर्ग फुट की है। नीलामी जीतने के बावजूद आज तक वो संपत्ति उनके नाम पर नहीं हो सकी है।
लेकिन डी कंपनी की तरफ से उनको कोई धमकी नहीं दी गई। लेकिन इस बार पेंच फंस गया महाराष्ट्र सरकार की वजह से। महाराष्ट्र सरकार ने नीलामी में उनकी ओर से संपत्ति खरीदे जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि उस संपत्ति की ओर से कुछ देनदारी महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) की है। ऐसे में वे संपत्ति अपने कब्जे में नहीं ले सकते। जैन बंधुओं ने इसके बाद मुंबई हाई कोर्ट में कब्जा हासिल करने के लिए याचिका दायर की और अब अदालत के चक्कर काट रहे हैं।
आज देखना होगा कितने लोग नीलामी में बोली लगाने आते हैं
अब फिर एक बार दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की संपत्ति नीलामी हो रही है। इस बार की नीलामी में दाऊद की मां अमीना बी के नाम रत्नागिरी जिले की 4 संपत्तियों की नीलामी होगी। जिनकी कुल कीमत 19 लाख रुपये के करीब है। नीलाम की जा रही संपत्ति कृषि भूमि है।
इससे पहले साल 2017 में मुंबई में भी दाऊद की डांबरवाला बिल्डिंग की संपत्ति की नीलामी हुई थी। जिसमें दाऊद का भाई इकबाल रहता था। ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कितने लोग दाऊद की संपत्तियों पर बोली लगाने आते हैं। कितने लोग वास्तव में संपत्ति खरीदना चाहते हैं और कितने लोग नीलामी में शामिल होते हैं।