बड़ी ख़बर ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West) की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1(Supertech Ecovillage-1) से आ रही है। जहां पिछले कई दिनों से मॉनिटर छिपकली(Monitor Lizard) जिसे गोह भी कहते हैं, ने दहशत फैला रखी थी। लेकिन आज ये पकड़ में आ ही गया।
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स्थानीय लोगों के मुताबिक ये ख़तरनाक जानवर पिछले दो दिनों से B4/C4 के पास घूम रहा था। लेकिन बहुत कोशिशों के बाद भी पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन आज C4 के सामने दिख गया। जिसके बाद मौके पर मौजूद PTR सुपरवाइज़र पुष्पेंद्र गाड़ी में छिपे इस ख़तरनाक जानवर को किसी तरह पकड़कर बाहर निकाला। जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।
अभी कुछ दिनों पहले भी मॉनिटर छिपकली सेंट जॉन स्कूल के सामने मौजूद सोसायटी निराला ग्रीनशायर(Nirala Greenshire) सोसायटी के अंदर एक गाड़ी में छिपा बैठा था। जैसे ही लोगों की नज़र पड़ी..सोसायटी में हड़कंप मच गया। कड़ी मशक्कत के बाद मॉनिटर छिपकली को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया। मॉनिटर छिपकली के दिखने से सोसायटी में दहशत है।
छिपकली प्रजाति, सांप इसका भोजन
एक्सपर्ट के अनुसार गोहरा शांत जीव है। यह छिपकली की प्रजाति का है। ये छिपकली से बहुत बड़े आकार का होता है। व्यस्क गोहरे की लंबाई ढाई से तीन फीट तक हो सकती है। सांप जैसी जीभ होने के कारण इसे लोग जहरीला मानते हैं। गांव व शहरों में आज भी लोगों में यह धारणा है कि गोहरे का काटा पानी भी नहीं मांगता। मतलब गोहरे के काटने से तुरंत मौत हो जाती है। यह पूरी तरह मिथक है। मॉनिटर छिपकलियां मांसाहारी होती हैं और आहार के रूप में कीड़े, रेपटाइल, पक्षियों, मछलियों आदि का सेवन करते हैं। ये अपने आस-पास के छोटे जीवों को भी खाता है। सांप और पक्षियों के अंडे इसे पसंद हैं। जहरीले जीवों की खाद्य शृंखला को नियंत्रित करता है। अंग्रेजी में इसे मॉमन इंडियन लिजार्ड, मोनिटर लिजार्ड, बंगाल लिजार्ड व बंगाल मॉनिटर आदि नाम से जाना जाता है। सोसायटी में मॉनिटर छिपकली निकलने से लोग सहमे हुए हैं। डर इस बात का है कि वो बच्चों को नुकसान ना पहुंचा दे।