Cyber Fraud: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में इस दिनों साइबर ठगों का गैंग खूब एक्टिव है। लोगों को डरा कर उनसे खूब ठगी कर रहा है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोग साइबर क्राइम (cyber crime) के मामले में खूब फंस रहे हैं। साइबर ठगों के लिए तो आपके दिल के किसी कोने में आया छोटा सा डर भी उनकी कमाई का जरिया बन जाता है। वह किसी न किसी तरह से आपको डराकर आपके बैंक अकाउंट, UPI ID, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या डेबिट कार्ड (ATM Card) की जानकारी लेने में सफल हो जाते हैं।
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बस फिर क्या, एक बार उनके बास OTP, पासवर्ड या कोई दूसरी सेंसिटिव जानकारी पहुंच जाए तो आपके अकाउंट को खाली करने में देर नहीं लगाते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि ग्रामीण इलाकों में और कम पढ़े-लिखे लोग साइबर ठगी का शिकार ज्यादा होते हैं। लेकिन रिपोर्ट इस मान्यता को झूठी बता देती है। क्योंकि जो आंकड़े हैं, उनके अनुसार यूपी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोग ही साइबर ठगी के ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
एक मीडिया एजेंसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों में क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए यूपी में सबसे ज्यादा ठगी के मामले गौतमबुद्ध नगर जिले (Gautam Budh Nagar District) यानी नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में हुए हैं। आंकड़े के अनुसार गौतमबुद्ध नगर में ठगी के मामले जितने हैं, दूसरे नंबर पर मौजूद जिले में उससे तीन गुना कम हैं। गौतमबुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) में 12 हजार, 548 लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर मौजूद लखनऊ में 3446 लोग साइबर ठगी के मामले आए हैं। तीसरे नंबर पर एनसीआर में मौजूद गाजियाबाद (Ghaziabad) रहा, जहां पर पिछले पांच वर्षों में 2409 लोगों के साथ साइबर ठगी हुई।
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RTI से जानकारी आई सामने
एक RTI के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय कार्यालय में जनसूचना अधिकारी अभय कुमार ने यह जानकारी दी है। RTI के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में पिछले पांच सालों में क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ठगी यानी साइबर ठगी के कुल 28 हजार, 816 शिकायतें आई हैं। ठगी के इन मामलों की जानकारी राज्य के अलग-अलग बैंकों की ब्रांचों से रिजर्व बैंक को दी गई हैं।
जानिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा का हाल
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में साल 2018-19 में 4323 लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले सामने आया। जबकि साल 2019-20 में 1661 लोग साइबर ठगों के शिकार हुए। 2020-21 के कोरोना काल में भी साइबर ठगों ने 1857 लोगों को चूना लगाया। फिर 2021-22 में साइबर ठगों ने 1688 लोगों के साथ जालसाजी की। 2022-23 में 1200 लोगों से किसी तरह उनके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर ठगी की। साल 2023 में भी 31 दिसंबर तक 1819 लोगों को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया। इस दौरान गौतमबुद्ध नगर पुलिस सिर्फ दो फीसद मामलों में ही ठगों को गिरफ्तार कर पाई।
साइबर ठगों के जाल में UP
बात पूरे यूपी (UP) की करें तो साल 2019 में 5109 लोगों के साथ साइबर ठगी हुई। 2020 में 3197, साल 2021 में 4130, साल 2022 में 4223 और साल 2023 में 12157 लोगों को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया।
पिछले पांच साल में दर्ज मामले
शहर कुल मामले
नोएडा 12548
लखनऊ 3446
गाजियाबाद 2409
कानपुर देहात 1248
आगरा 803
बरेली 791
वाराणसी 722
मेरठ 646
प्रयागराज 572
मथुरा 413
लोगों को फसातें हैं अपने जाल में
साइबर ठग आपके थोड़े से डर या लालच का बखूबी फायदा उठाते हैं। वह पार्ट टाइम जॉब (Part Time Job), घर बैठे पैसे कमाने, सिर्फ वीडियो देखकर लाइक करने पर पैसे कमाने जैसे लालच देकर लोगों को फंसाते हैं। इसके अलावा ट्रे़डिंग के जरिए शेयर मार्केट से लाखों कमाने का लालच देकर भी लोगों के साथ साइबर ठगी की जाती है। यही नहीं लॉटरी लगने और किसी योजना में नाम आने की बात कहकर भी साइबर ठग लोगों को अपना निशाना बनाते हैं।
आपके पार्सल में ड्रग्स मिला है
साइबर क्राइम गैंग पार्सल में ड्रग्स और नकली पासपोर्ट पकड़े जाने का झांसा देकर भी लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके ठगा जाता है। इसमें ठग आपको कॉल करके बताते हैं कि आपका एक पार्सल जो विदेश भेजा जा रहा था, उसमें ड्रग्स और नकली पासपोर्ट पकड़े गए हैं। आपकी कॉल को पुलिस थाने में ट्रांसफर करने के नाम पर ठग आपको अपने झांसे में लेते हैं और फिर इस पूरे मामले से अपना नाम रफादफा करने के नाम पर आपके बैंक अकाउंट को खाली कर दिया जाता है।
आपका बच्चा गलत काम करते पकड़ा गया है
साइबर ठगों का यह अनोखा तरीका है। इसमें साइबर ठग पहले आपके बच्चे या किसी बहुत करीबी परिजन को फोन करके उनसे कहते हैं कि आपके फोन से कुछ साइबर एक्टिविटी हो रही है, तुरंत अपना फोन बंद कर दें… ताकि नेटवर्क को दुरुस्त किया जा सके, इस दौरान वह अपने को इंफॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री के अधिकारी बताते हैं। फोन बंद हो जाने पर वह माता-पिता या परिजन को फोन करके बताते हैं कि आपका बच्चा या व्यक्ति गलत काम करते हुए पकड़ा गया है, उसे थाने में रखा गया है। छुड़वाना चाहते हैं तो तुरंत कुछ पैसे की डिमांड की जाती है। ऐसे में आप जब उनका फोन मिलाते हैं तो फोन बंद आने पर आप घबरा जाते हैं और साइबर ठगों के झांसे में आकर उनके हाथों अपनी गाढ़ी कमाई लुटा बैठते हैं।
मजदूरों के खातों में ट्रांसफर करवाते हैं पैसा
साइबर ठगी के मामले में सबसे ज्यादा नाइजीरियन गिरोह एक्टिव है। यह लोग शहर में मजदूरों और कामगारों की बैंक संबंधी जानकारियां जुटा लेते हैं और फिर उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल करके ठगी को अंजाम देते हैं। ठगी का पैसा उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कराया जाता है, जिसके चलते असली साइबर ठगों तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है।
साइबर ठगी की यहां करें शिकायत
साइबर ठगों के निशाने पर कभी भी कोई भी आ सकता है। अगर आप भी उनके निशाने पर आ गए हैं और आपके साथ साइबर ठगी होती है तो आपको तुरंत इसकी शिकायत साइबर क्राइम थाने और साइबर सेल में करनी चाहिए। साइबर सेल का टोल फ्री नंबर (Toll Free Number) 1930 और 155260 हैं। यहां कॉल करके आप शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा cybercrime. gov.in पर ई-मेल के जरिये भी आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। अगर आपके साथ ठगी होती है तो जल्द से जल्द अपने उस बैंक से संपर्क करके पूरी घटना के बारे में जानकारी दें। इससे आपकी रकम वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
हर थाने में हैं साबर एक्सपर्ट
गौतमबुद्ध नगर जिले में Cyber ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने सभी थानों में एक इंस्पेक्टर को तैनात किया है। यह इंस्पेक्टर साइबर ठगी से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट होते हैं और ऐसी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हैं। इसके अलावा हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क भी बनाए गए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले में साइबर क्राइम थाना भी है, इस थाने में 5 लाख या इससे अधिक की ठगी के मामले दर्ज किए जाते हैं।