Jyoti Shinde,Editor
नामोंग, सिक्किम, 8 जुलाई: आज भी भारत में कई ऐसे राज्य हैं जहां हर बच्चे तक शिक्षा नहीं पहुंच पाई है। जिसे देखते हुए एडटेक कंपनी ConveGenius ने सिक्किम में ‘मिशन फ्रंटियर’ पहल की शुरूआत की है।
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बच्चों की शिक्षा पर काम करने वाली भारत की मशहूर एडटेक कंपनी ConveGenius ने सिक्किम जैसे राज्य जो कि हिमालय के सुदूर में बसा है। वहां के गांवों में शिक्षा को लेकर काम करने का फैसला लिया है। इसमें ConveGenius का साथ दिया है 17,000 फीट नाम के एनजीओ ने।
दोनों ने साथ मिलकर सिक्किम में “ मिशन फ्रंटियर” पहल की घोषणा की। जिसका उद्घाटन 8 जुलाई को किया गया। खास मौके पर सिक्किम के शिक्षामंत्री केएन लेपचा भी मौजूद थे।
क्या है ConveGenius का मिशन फ्रंटियर ?
मिशन फ्रंटियर की बात करें तो ये देश को मजबूत करने और शिक्षा को हर एक बच्चे तक पहुंचाने की पहल है। दरअसल भारत में हिमालय अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पहुंचना कठिन है, लेकिन पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच की बदौलत बॉर्डर से सटे गांव एक दूसरे से जुड़ते जा रहे हैं। सड़क की स्थिति भी पहले से बेहतर हो गई है। लेकिन अभी भी इन जगहों पर मौजूद स्कूलों में शिक्षा पहुंचाना बड़ी चुनौती है।
ऐसे में इन जगहों पर मिशन फ्रंटियर काफी ज्यादा सफल साबित हो सकता है, क्योंकि ConveGenius का मिशन है कि “आप एक बच्चे को शिक्षित करते हैं; आप एक परिवार बदलते हैं; आप सीमा पार के सभी बच्चों को शिक्षित करते हैं, आप देश को सुरक्षित करते हैं”।
ConveGenius के सीईओ जयराज भट्टाचार्या(Jairaj Bhattacharya) का मानना है कि बेहतरीन जीवन अवसर के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर एक बच्चे तक पहुंचाना जरूरी है। इससे ही राष्ट्र को नई पहचान मिलेगी और भारत तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। अच्छी बात ये है कि सिक्किम मिशन फ्रंटियर शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, सिक्किम के शिक्षा मंत्री केएन लेपचा ने मिशन फ्रंटियर के दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं सिक्किम के सभी सीमावर्ती स्कूलों को सशक्त बनाने के उनके दृष्टिकोण के लिए ConveGenius और ‘17000 फीट फाउंडेशन’ को धन्यवाद देना चाहता हूं। मिशन फ्रंटियर एक महत्वपूर्ण और अनूठी पहल है और यह राष्ट्र की सेवा करेगी।
लेपचा ने कहा कि-आज की दुनिया में, छात्रों को खुद को अभिव्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए। ताकि वो स्वतंत्र रूप से और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें। यह पहल उन्हें अवसर प्रदान करेगी और उन्हें 21वीं सदी के लिए प्रशिक्षित करेगी। मुझे उम्मीद है कि यह पहल बढ़ती रहेगी।”
आपको बता दें- मिशन फ्रंटियर का लक्ष्य सिक्किम के सभी सीमावर्ती स्कूलों को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले डिजिटल शिक्षण बुनियादी ढांचे, सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले राष्ट्रीय शिक्षा पाठ्यक्रम के साथ सक्षम बनाना है।
मिशन फ्रंटियर के हिस्से के रूप में, ConveGenius सिक्किम के सभी 766 स्कूलों में डिजीलैब्स स्थापित करेगा, जिनमें से 85 स्कूलों में यह पहले ही पूरा हो चुका है। स्कूल के अनुसार ही यहां औसतन 10-30 टैबलेट से युक्त डिजिलैब, सीजी पीएएल न्यू टेक्नोलॉजी के साथ स्थापित किए गए हैं। ये डिजीलैब्स सौर ऊर्जा ऑफ-ग्रिड बिजली और ऑफ-ग्रिड इंटरनेट तकनीक पर काम करेंगे। जिससे अगर बिजली नहीं भी रहती है तो भी छात्र सोलर पावर की बदौलत आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
ConveGenius के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(CEO) जयराज भट्टाचार्य ने बताया कि मिशन फ्रंटियर का मुख्य उद्धेश्य भारत के दूर-दराज क्षेत्रों तक शिक्षा को पहुंचाना है। ये परियोजना सिक्किम की सीमाओं से शुरू होने वाले ऑफ़लाइन और डिस्कनेक्ट किए गए सीमावर्ती गांवों में शिक्षा को और भी ज्यादा इंटरैक्टिव डिजिटली कनेक्ट करेगा और आगे बढ़ाएगा।
वहीं, 17000 फीट फाउंडेशन के संचालन प्रमुख, राधा राज का कहना है कि “हम मिशन फ्रंटियर में पूरे हिमालयी क्षेत्र में अपनी संपूर्ण स्कूल परिवर्तन पहल को बढ़ाने की संभावना से उत्साहित हैं। यह परियोजना सीमावर्ती गांवों पर स्थायी प्रभाव डालेगी और सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेगी।”
निश्चित तौर पर ConveGenius का मिशन फ्रंटियर बच्चों की शिक्षा को लेकर शानदार पहल है। और ये पहले सिक्किम और आगे चलकर हिमाचल, लद्दाख, अरुणाचल और उत्तराखंड में भी लागू किया जाएगा। आपको बता दें ConveGenius, देश के 16 राज्यों में बच्चों की शिक्षा पर काम कर रही है। उम्मीद है कि देश के बाकी राज्य भी ConveGenius की शिक्षा को लेकर सोच को जल्द ही अपनाएंगे।