Noida News: नोएडा के बिल्डरों को सीएम योगी का बड़ा गिफ्ट मिलने वाला हैं। नोएडा (Noida) में रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्टर डोज मिल गया है। अमिताभ कांत की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ा फैसला लिया हैं। इसमें बिल्डरों (Builders) के बकाए का भुगतान करने के लिए 2 साल के जीरो पीरियड का लाभ देने की योजना है। इस योजना से हाउसिंग सोसायटी प्रोजेक्ट (Project) के रुके हुए कामों को फिर से शुरू कराने में मदद मिलेगी। पढ़िए पूरी खबर…
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नोएडा में रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) को बूस्टर डोज मिल गया है। केंद्र की अमिताभ कांत कमिटी की सिफारिशों पर उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट का फैसला रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत का पैकेज लेकर आया है। नोएडा अथॉरिटी ने 57 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट (Housing Project) में इस शासनादेश के अनुसार गणना कराई है। 2 साल के जीरो पीरियड का लाभ इन सभी ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में मिलेगा।
2 साल का जीरो पीरियड एनजीटी के आदेश
इसके साथ ही 2 साल का जीरो पीरियड एनजीटी (Zero Period NGT) के आदेश से प्रभावित ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए भी प्रस्तावित है। अब गणना पर गौर करें तो और बिल्डर बकाया जमा करने को आगे आएं तो औसत 20 से 21 फीसदी की छूट मिलेगी।
वहीं जो प्रॉजेक्ट एनजीटी के आदेश के प्रभाव में आ रहे हैं उनमें किसी-किसी प्रोजेक्ट में यह छूट और ज्यादा हो जा रही है। 20 से 54 फीसदी तक की छूट बकायेदारी, समय व एनजीटी के प्रभाव क्षेत्र के आधार पर बिल्डरों को मिल रही है। इसके साथ ही निर्माण के लिए 3 साल का अतिरिक्त समय भी मिल जाएगा।
बायर्स को होगा फायदा
इस फायदे का लाभ फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) को मिलेगा। समय पर प्रोजेक्ट पूरे होंगे और बकाए की वजह से जो फ्लैट की रजिस्ट्री फंसी हैं वह भी शुरू हो जाएंगी। बकायेदार बिल्डरों के साथ नोएडा अथॉरिटी दो बैठक कर चुकी है। बकाया भी बताया जा चुका है। अब बकाये की गणना 31 दिसंबर 2023 तक की होनी है। इसमें बीते समय में निर्माण के लिए कई बिल्डरों को समय वृद्धि लेनी थी जो नहीं ली गई। इसलिए समय वृद्धि चार्ज की गणना नए सिरे से शुरू कराई गई है। यह गणना ग्रुप हाउसिंग विभाग कर रहा है।
अथॉरिटी अधिकारियों (Authority Officers) ने बताया है कि आज यह गणना पूरी कर ली जाएगी। इस दौरान अगर कोई बिल्डर बकाया जमा करने के लिए आता है तो उससे पैकेज पर साइन करा लिए जाएंगे। 6 बिल्डरों ने अपनी गणना पर कुछ सवाल उठाए हैं, इसलिए उनकी गणना नए सिरे से भी कराई जा रही है। यह भी आज दोपहर तक पूरी कर ली जाएगी।
सात ग्रुप हाउसिंग में बकाया 5 करोड़ से कम
कैबिनेट (Cabinet) के फैसले के बाद जारी हुए शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि बकाये पर राहत सिर्फ उन बिल्डरों को मिलेगी। जो इसे जमा करने आगे आएंगे। 25 फीसदी धनराशि 60 दिन में जमा करनी होगी। ऐसे में छोटे बकायेदार जल्दी आना शुरू होंगे। अगर नोएडा अथॉरिटी के छोटे बकायेदार बिल्डरों की बात करें तो 7 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें बकाया 5 करोड़ रुपये से भी कम है।
2 बकायेदारों के आवेदन पर बकाया जीरो
गणना के बाद सामने आया है कि 2 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट (Group Housing Project) के बकायेदार बिल्डर ऐसे हैं अगर वह दो साल के जीरो पीरियड के लाभ के लिए आवेदन कर दें तो उनका बकाया जीरो हो जाएगा। इसमें एक प्लॉट सेक्टर-61 का है। इसमें बिल्डर ने पूर्व में भुगतान कर दिया, लेकिन हिसाब फाइनल नहीं हुआ था।
इसी तरह सेक्टर-78 का भी एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट शामिल है। यह एनजीटी (NGT) के दायरे में आ रहा है। प्लॉट पर 1 करोड़ 63 लाख रुपये बकाया हैं। अगर कोविड और एनजीटी के दोनों जीरो पीरियड का लाभ इसमें बिल्डर को मिला तो बकाया जीरो हो जाएगा।
54 फीसदी छूट वाले प्रॉजेक्ट
ग्रुप हाउसिंग का सेक्टर-168 का एक प्लॉट (Plot) जिस पर 14 करोड़ 36 लाख रुपये अथॉरिटी के पहले बकाया थे। इसमें अगर 2 साल के जीरो पीरियड का लाभ लेने को बिल्डर आगे आएगा तो 7 करोड़ 77 लाख रुपये कम हो जाएंगे जो 54 फीसदी हो रहे हैं। इसी तरह सेक्टर-77 के एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में बकाया 86 लाख रुपये था। इसमें 2 साल के जीरो पीरियड का लाभ मिलने पर बकाया 33 लाख रुपये बचेगा।
लीज रेंट से नहीं मिलेगी छूट
हर एक प्लॉट का अथॉरिटी में लीज रेंट (Lease Rent) भी जमा होता है। जीरो पीरियड के दौरान ब्याज से तो बिल्डरों को छूट मिलेगी, लेकिन लीज रेंट से छूट नहीं मिलेगी। बहुत से बिल्डर एक बार में लीज रेंट जमा कर देते हैं। बहुत से बिल्डर बकाया रखते हैं और किस्तों में देते हैं।