चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली पर भड़के CJI..कहा दोषी अधिकारी के ख़िलाफ़ दर्ज हो केस

पंजाब
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Punjab News: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जमकर फटकार लगाई है। इस केस की सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने बैलट पेपरों को डिफेस्ड (विरूपित) किया। क्या वह इसी तरह चुनाव आयोजित किया जाता है? यह लोकतंत्र का बड़ा मजाक बनाया गया है। यह सीधे सीधे लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर मुकदमा होना चाहिए।
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Pic Social media

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। बैलट पेपर और वीडियोग्राफी को सुरक्षित रखा जाए। इसके साथ कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम (Chandigarh Corporation) की आगामी बैठक कैसिंल रहेगी।

आपको बता दें कि आप-कांग्रेस के संयुक्त कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने यह याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर फिर से चुनाव कराने की मांग की है। याचिका में दलील दी गई कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। बता दें कि आप-कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं।

8 वोट हुए थे इनवैलिड आप-कांग्रेस के

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में विवाद सारा कांग्रेस और आप के 8 वोट को इनवैलिड करने को लेकर है। आपको बता दें कि इस चुनाव में एक सांसद और 35 पार्षदों को मिलाकर 36 वोट थे। इनमें 14 भाजपा पार्षद, एक भाजपा सांसद किरण खेर, 1 अकाली दल और बाकी 20 वोट आप और कांग्रेस पार्षदों के थे। सभी ने अपने वोट डाले। चुनाव अधिकारी ने काउंटिंग के बाद कहा कि भाजपा को 16 वोट मिले। वहीं, आप-कांग्रेस के उम्मीदवार को 12 वोट मिले हैं, जबकि 8 वोट इनवैलिड निकले हैं।

मनोज सोनकर ने भी फाइल की कैविएट

भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर (Mayor Manoj Sonkar) ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। इसमें उन्होंने कहा है कि कुलदीप की याचिका पर कोई फैसला लेने से पहले उनकी बात जरूर सुनी जाए। उनकी तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी भारद्वाज दलीलें रखेंगी।

हाईकोर्ट से नहीं मिली कोई राहत

सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले कुलदीप कुमार की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई के दौरान उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसमें जस्टिस सुधीर सिंह और हर्ष बांगर की खंडपीठ ने आप की तरफ से चुनाव को स्टे करने की मांग पर इनकार कर दिया था।

चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर इस पर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया था। वहीं, कुलदीप कुमार की तरफ से इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी। लेकिन, फिर भी चंडीगढ़ प्रशासन को हाईकोर्ट की ओर से 3 हफ्ते का समय दे दिया गया है। अब इस मामले में 26 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।

इसलिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

आप पार्षद ने अंतरिम राहत से मना करने और याचिका को तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट में मामला 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक, आप उम्मीदवार ने एक रिटायर्ड न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नए सिरे से चुनाव कराने के निर्देश मांगे हैं। इस याचिका में कहा गया है कि यह इसलिए दायर किया गया, क्योंकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ था।

डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर अर्जी दाखिल करेगी कांग्रेस

वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर कांग्रेस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करेगी। कांग्रेस की तरफ से दोनों पदों पर भाजपा के जीते उम्मीदवार कुलदीप सिंह संधू और राजेंद्र शर्मा की जीत को चुनौती दी जाएगी। कांग्रेस की ओर से गठबंधन के समर्थन से इन दोनों पदों पर गुरप्रीत गावी और निर्मला देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन विपक्ष के वॉकआउट करने के बाद भाजपा के दोनों प्रत्याशी जीत गए थे।