CIBIL Score को लेकर RBI ने बनाया नया नियम, अब इतने समय में अपडेट होगा सिबिल स्कोर
CIBIL Score: अगर आप लोने लेने के लिए बैंक जाते हैं तो लोन देने से पहले आपका सिबिल स्कोर जरूर चेक किया जाता है। इसके बाद ही लोन के प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाता है। सिबिल स्कोर (CIBIL Score) को लेकर कई प्रकार की शर्तें और नियम आरबीआई (RBI) की तरफ से निर्धारित किए गए हैं। हाल ही में सिबिल स्कोर को लेकर आरबीआई (RBI) ने कुछ नए नियमों बनाए हैं। आरबीआई के इन नए नियमों को आइए जान लेते हैं….
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आरबीआई ने लिया फैसला
सिबिल स्कोर पर रिजर्व बैंक की ओर से कुल 6 नियम (Credit Score New Rule) तैयार किए जा चुके हैं, जिनका लाभ सीधा लोन लेने वालों को होगा। आपको बता दें कि क्रेडिट स्कोर (Credit Score) को लेकर रिजर्व बैंक के पास कई प्रकार की शिकायतें आ रही थीं। इसी के कारण आरबीआई ने नए नियम तय किए हैं। इससे पहले कुछ महीने पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिबिल को लेकर 5 नियम तय किए थे। अब इनमें एक और नियम बना दिया गया है।
कभी न करें यह गलती
सिबिल स्कोर (Good Cibil Score) अच्छा रहने पर ही बैंक से आपको लोन मिलता है। ज्यादातर एक खास तरह की गलती करने से सिबिल स्कोर नीचे गिरने लगता है। आपको इसे बेहतर बनाए रखने के लिए इस गलती से दूर रहना चाहिए। यह गलती है पेमेंट डिफॉल्ट की। पेमेंट डिफॉल्ट होने से बचे रहेंगे तो आपका सिबिल स्कोर बेहतर रहेगा। पेमेंट डिफॉल्ट होने से बचने के लिए समय से ईएमआई (EMI) का जरूर भुगतान करना चाहिए।
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अब इतने समय में अपडेट होगा सिबिल स्कोर
आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक अब ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा। इस बारे में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governer Shaktikant das) ने नियम का हवाला देते हुए निर्देश भी जारी कर दिया गया है। यह नियम अगले साल 1 जनवरी 2025 से पूरी तरह से लागू हो जाएगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अब क्रेडिट स्कोर को जल्द से जल्द अपडेट करें।
आरबीआई गवर्नर ने कुछ दिन पहले ही इसकी घोषणा भी कर दी है। ग्राहकों का सिबिल स्कोर हर महीने की 15 तारीख और महीने के आखिरी में अपडेट किया जा सकता है। इसके मुताबिक सिबिल स्कोर माह में दो बार अपडेट होगा। अगर क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (Credit Institutions) और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) चाहें तो वह अपने हिसाब से भी कोई एक फिक्स डेट भी रख सकती हैं। लेकिन महीने में ऐसा दो बार करना अनिवार्य है। इसके अलावा क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (CI) को ग्राहक की क्रेडिट इंफॉर्मेशन हर महीने CIC को देना भी हर हाल में जरूरी है।
सिबिल स्कोर चेक करने पर ग्राहक को भी बताना होगा
कोई बैंक या एनबीएफसी (NBFC) यानी नॉन फाइनेंसिंग बैंक किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उस ग्राहक को बताना अनिवार्य होगा। केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (credit information companies) को इस बारे में निर्देश भी जारी कर दिए हैं। यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के माध्यम से ग्राहक को उपलब्ध कराई जा सकती है।
कारण भी बताना होगा
सिबिल स्कोर (Cibil score) को लेकर बनाए गए नियम के मुताबिक अब किसी ग्राहक की कोई रिक्वेस्ट रिजेक्ट की जाती है तो इसका कारण भी बताया जाएगा। इससे ग्राहक को रिजेक्शन का कारण पता चल सकेगा। इतना ही नहीं रिजेक्शन के कारणों एक लिस्ट बनाकर उसे सभी क्रेडिट इन्स्टीट्यूशन को भेजना आवश्यक है।
हर साल फुल क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में देंगी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी
सिबिल स्कोर को निर्धारित करने वाली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी अब मुफ्त में सालभर की फुल क्रेडिट रिपोर्ट भी देंगी। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार हर हाल में फ्री फुल क्रेडिट स्कोर (Credit score New Rule Latest update)अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराना चाहिए। क्रेडिट कंपनी अपनी वेबसाइट पर इसे लेकर एक लिंक डिस्प्ले भी करेंगी। इससे ग्राहक अपना सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट हिस्ट्री भी जान सकेंगे।
ग्राहक को डिफॉल्ट होने से पहले बताना होगा
ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को इस बारे में नहीं बताते हैं कि वह डिफॉल्ट होने वाले हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना आवश्यक है। लोन देने वाली संस्थाओं को SMS या ई-मेल भेजकर जानकारी शेयर करनी होगी। इसके साथ ही बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर की व्यवस्था रखें क्योंकि ये नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर (Cibil score update news) से जुड़ी दिक्कतें सुलझाने का काम करेंगे। जो ग्राहकों के लिए फायदेमंद रहेगा।
पेंडिंग नहीं रहेंगी सिबिल स्कोर से जुड़ी शिकायतें
आपको बता दें कि क्रेडिट स्कोर (Cibil score update rules) को क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी निर्धारित करती हैं। अगर ये ग्राहकों की शिकायत का 30 दिन के अंदर- निदान नहीं करती हैं तो हर रोज 100 रुपये के हिसाब से कंपनी को जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा। 21 दिन में बैंक को क्रेडिट ब्यूरो (credit bureau) को जानकारी देनी होगी। अगर नहीं बताया तो बैंक इसका हर्जाना देगा। क्रेडिट ब्यूरो बैंक की तरफ से सूचना मिलने के 9 दिन बाद भी निपटारा नहीं करता है तो क्रेडिट ब्यूरो भी जुर्माना भरेगा।