नेत्र सर्जन सहित 3 तत्काल प्रभाव से निलंबित
Chhattisgarh News: दंतेवाड़ा में मोतियाबिंद ऑपरेशन (Cataract Operation) में लापरवाही के मामले में साय सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। जिला चिकित्सालय की नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम को निलंबित कर दिया गया है। इनके साथ ही नेत्र सहायक अधिकारी और स्टाफ नर्स को भी निलंबित कर दिया गया है। सर्जरी के दौरान मरीजों की आंखों में संक्रमण आया था। फिलहाल करीब 10 मरीजों का रायपुर के मेकाहारा में इलाज चल रहा है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि मोतियाबिंद सर्जरी के निर्धारित प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन नहीं करने के कारण नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो और स्टाफ नर्स ममता वैदे को भी लापरवाही के कारण निलंबित किया गया है।
यह घटना 22 अक्टूबर 2024 को हुई, जब मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान मरीजों की आंखों में संक्रमण की शिकायत आई। इस मामले की जांच के बाद इन तीनों को प्रथम दृष्टा दोषी पाया गया।
निलंबन की अवधि के दौरान डॉ. गीता नेताम, दीप्ति टोप्पो और ममता वैदे का मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दंतेवाड़ा निर्धारित किया गया है। निलंबित अधिकारियों को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता भी होगी।
मरीजों से मिले स्वास्थ्य मंत्री
दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद मरीजों के आंखों में फैले संक्रमण के बाद 10 मरीजों को रायपुर के अंबेडकर अस्पताल लाया गया है। सभी मरीजों से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुलाकात कर हालचाल जाना और डॉक्टरों से उनकी स्थिति और इलाज के बारे में विस्तृत चर्चा की है। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया था कि एक जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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यह है पूरा मामला?
गौरतलब है कि दंतेवाड़ा में जिला अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नेत्र सर्जन की लापरवाही के चलते 10 मरीजों की आंखों में हमेशा के लिये अंधकार छा सकता था। बता दें कि, मंगलवार को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के अगले दिन 10 मरीजों की आंखों में इंफेक्शन हो गया, आंखों में पस आना और खुजलाहट जैसी परेशानी होने लगी।
तब एक मरीज को जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज और 9 को रायपुर के अंबेडकर हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद रविवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी अस्पताल पहुंचे और मरीजों का हाल-चाल जाना। इस दौरान उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों को निलंबित कर दिया गया है। मंत्री जायसवाल ने डॉक्टर्स की टीम को सभी का सही से इलाज किये जाने का निर्देश दिया है।