कुमार विकास.. khabrimedia.com
भारत ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ इतिहास रच दिया है। इस ऐतिहासिक पल की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है हर किसी के जुबान पर हमारे वैज्ञानिकों के लिए सुभकामनाएँ ही निकल कर आ रही है.
इसी बीच चाँद पर सफ़ल लैंडिग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी प्रक्रिया देखने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर से वचुर्अल माध्यम के जरिए भारतीय अंतरिक्ष केंद्र अनुसंधान (ISRO) केंद्र से जुड़े.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन धन्य हो गया है. ये क्षण जीत के पथ पर चलने का है. ये पल 140 धड़कनों का है आज हर घर में उत्सव शुरू हो गया है. मैं चंद्रयान-3 की टीम और देश के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि साइंटिस्ट के परिश्रम से हम उस दक्षिण ध्रुव पर पहुंच गए जहां पर कि कोई नहीं पहुंच पाया है. आज सारे मिथक बदल जाएंगे. हम धरती को मां कहते औऱ चांद को मामा कहते हैं. कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे चंदा मामा बस एक टूर के हैं.
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इसरो चीफ ने दी बधाई
चंद्रयान-3 की सेफ लैंडिंग पर इसरो चीफ ने साइंटिस्टो को बधाई दी। इसरो चीफ सोमनाथ ने प्रोजेक्ट डायरेक्ट को बधाई दी। इसरो चीफ ने मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों को बधाई दी। चंद्रयान की सेफ लैंडिंग के बाद मिशन के प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों ने अपने अनुभव शेयर किए।
वही चंद्रयान-3 की सफ़ल लैंडिग के बाद ISRO के पूर्व चीफ के सिवन ने चंद्रयान-3 के तौर पर तीसरे मून मिशन के लिए इसरो को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि हम बेहद उत्साहित हैं. हम इस पल का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. मैं चंद्रयान-3 की लैंडिंग से बहुत खुश हूं.
दरअसल, चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग भारत से पहले चीन, अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ कर चुके हैं.