Central board of secondary यानी CBSE ने देश के 20 स्कूलों पर एक साथ हथौड़ा चलाते हुए उनकी मान्यता रद्द कर दी है। यही नहीं CBSE बोर्ड ने मान्यता रद्द करने के साथ-साथ कई स्कूलों का ग्रेड भी गिरा दिया है। जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है उसमें नोएडा का Trinity international school भी शामिल है।
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रद्द किए गए स्कूलों पर डमी छात्र और अयोग्य उम्मीदवारों का पंजीकरण करने के आरोप हैं। इसके अलावा रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखने और कई दूसरी गतिविधियों की वजह से इन पर गाज गिराई गई है।
CBSE के सचिव हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इन स्कूलों में नियम विरुद्ध आचरण करने के साथ-साथ कदाचार में लिप्त रहने के आरोप हैं। उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के अलावा केरल और उत्तराखंड के स्कूलों पर भी गाज गिरी है। दिल्ली के भी कई स्कूलों की मान्यता भी रद्द की गई है। इन स्कूलों ने परीक्षा से जुड़े नियमों का उल्लंघन, फर्जी और अयोग्य छात्रों का पंजीकरण किया था।
दिल्ली, पंजाब और असम के तीन स्कूलों की मान्यता को डाउनग्रेड यानी घटा दिया है। CBSE के मुताबिक जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है, इनमें डमी छात्रों और अयोग्य उम्मीदवारों को दाखिला देने के प्रमाण मिले हैं।
ANSPA के महासिचव के अरुणाचलम का कहना है CBSE ने स्कूलों की मान्यता तो रद्द कर दी, लेकिन यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य का क्या होगा। उन पेरेंट्स का क्या होगा जो बेकसूर हैं। CBSE ने मान्यता देने से पहले उन स्कूलों की पड़ताल क्यों नहीं की। पहले ही पेपर वर्क पर क्यों नहीं ध्यान दिया। जाहिर है यहां पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में एडमिशन लेना होगा और उसके लिए उन्हें मोटी फीस चुकानी होगी। बड़ा सवाल ये कि इसके पीछे जिम्मेदार कौन?