Vastu Tips: जब भी हम घर बनवाते हैं तो वास्तु शास्त्र के नियमों का भी जरूर पालन करते हैं। हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व बताया गया है। वास्तु शास्त्र (Vaastu Shaastra) हिंदू धर्म के सबसे पुराने वैज्ञानिक ग्रंथों में से एक है। ऐसे में अगर आप घर में वास्तु नियमों (Vastu rules) का पालन करते हैं तो इससे घर में सकारात्मकता (Positivity) का माहौल बना रहता है। इस खबर में हम आपको कुछ ऐसे वास्तु उपाय बताने जा रहे हैं, जो आपके बच्चों की ध्यान क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित हो सकते हैं।
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इस दिशा में हो स्टडी रूम
बच्चों के पढ़ाई में पढ़ाई का कमरा भी बहुत असर डालता है। इसलिए पढ़ाई का कमरा भी वास्तु के हिसाब से ही बनवाना चाहिए। स्टडी रूप (Study Form) को हमेशा घर की पूर्व या पश्चिम दिशा (West direction) में बनवाना चाहिए। बच्चों की पढ़ाई की टेबल को ऐसे रखना चाहिए कि पढ़ते समय उनका मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को मिले पुरस्कार, ट्रॉफी या फिर पोस्टर आदि को कमरे के उत्तर या पूर्व दीवार पर लगाना चाहिए।
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इस बात का भी रखें ध्यान
पढ़ाई की पढ़ाई की टेबल हमेशा साफ-सुथरी होनी चाहिए। किताबें कमरें में या मेज पर इधर-उधर फैली नहीं होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि बच्चों की स्टडी टेबल आयताकार या चौकोर होनी चाहिए। कमरे में भड़कीले रंगों के स्थान पर हल्के रंग जैसे हरा या पीले रंग का प्रयोग करें। इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
कमरे में रखें ये चीजें
वास्तु के मुताबिक, आप स्टडी रूम के गेट पर नीम की कुछ डालियां बांध सकते हैं। इससे सकारात्मकता बनी रहती है। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि स्टडी रूम में ज्यादा सामान भरा हुआ नहीं होना चाहिए। बच्चों के पढ़ाई के कमरे में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। आप स्टडी रूम में हरे रंग के पर्दे भी लगा सकते हैं ऐसा करने से एकाग्रता बढ़ती है।