Rapid Rail: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) जेवर को रैपिड रेल (Rapid Rail) से जोड़ने के लिए गाजियाबाद (Ghaziabad) वाया ग्रेटर नोएडा वेस्ट और परी चौक रूट की डीपीआर तीन माह में तैयार करने का निर्देश दिया है। एनसीआरटीसी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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इससे जेवर और आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport) कनेक्ट हो सकेंगे। खास बात यह है कि रैपिड रेल और मेट्रो दोनों एक ही ट्रैक पर दौड़ेंगी। ग्रेनो वेस्ट के लोगों को सार्वजनिक परिवहन का तोहफा देने के लिए इस रूट पर सबसे पहले और सबसे तेजी से काम होगा। बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए सीएम योगी ने बीते दिनों लखनऊ में एक अहम बैठक की थी।
दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) के शहरों से जेवर एयरपोर्ट तक रोड, मेट्रो और रैपिड रेल की सीधी कनेक्टिविटी का रूट तलाशा जा रहा है। आईजीआई की जेवर एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी पहली प्राथमिकता में है। गाजियाबाद के आरआरटीएस वाया ग्रेटर नोएडा वेस्ट, परी चौक व यीडा सिटी से जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल का रूट फाइनल हो गया है अब इसके बाद सीएम योगी ने तीन माह में डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है। इस रूट पर अच्छी-खासी संख्या में यात्री मिलेंगे। लखनऊ में हुई बैठक में सीएम ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। सीएम के आदेश पर यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। रैपिड रेल के साथ ही अन्य विकल्प पर भी चर्चा चल रही है।
आईजीआई से नोएडा एयरपोर्ट स्पेशल रैपिड
आईजीआई दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक स्पेशल रैपिड रेल चलनी है, जिससे एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को बीच में गाड़ी बदलने की कोई समस्या न हो। ऐसे में आईजीआई से नोएडा एयरपोर्ट तक सवा घंटे में पहुंचा जा सकेगा। सीएम की बैठक में यह भी फैसला लिया गया था कि एक ही ट्रैक पर रैपिड रेल व मेट्रो दोनों का परिचालन किया जाए। इससे रैपिड रेल और मेट्रो दोनों से एयरपोर्ट कनेक्ट हो सकेगा।
रैपिड के लिए रखा गया 2031 तक का लक्ष्य
पूर्व में बनी फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) के अनुसार गाजियाबाद आरआरटीसी से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक चलने वाली रैपिड रेल का निर्माण कार्य पूरा होने का लक्ष्य 2031 तक रखा गया है। इसके पहले चरण का काम गाजियाबाद से कासना तक होना है। पहले चरण के काम पर 9,798 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। दूसरे चरण में कासना से एयरपोर्ट तक के निर्माण पर 6391 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 20, तो वहीं राज्य सरकार की 50 और नायल की 30 फीसदी होगी। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, इस रूट पर 2031 में राइडरशिप 2 लाख 67 हजार 670 होगी।
ग्रेनो वेस्ट के लिए लाइफ लाइन बनेगी रैपिड
इस परियोजना के पूरा हो जाने पर न सिर्फ जेवर एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टविटी मिलेगी, बल्कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा के निवासियों को भी काफी फायदा होगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए तो यह लाइफ लाइन साबित होगा। दरअसल, अभी ग्रेटर नोएडा वेस्ट व ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद पहुंचने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिनके पास कार या बाइक नहीं है, उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है। सार्वजनिक परिवहन के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है।
रूट पर करीब एक दर्जन होंगे स्टेशन
इस रूट पर गाजियाबाद आरआरटीएस (Ghaziabad RRTS), गाजियाबाद साउथ, ग्रेटर नोएडा वेस्ट (सेक्टर-4), ग्रेटर नोएडा (सेक्टर-2, नॉलेज पार्क-5, सूरजपुर, परी चौक, इकोटेक-6, दनकौर, यीडा नॉर्थ (सेक्टर-18), यीडा सेंट्रल (सेक्टर-21, 35), जेवर एयरपोर्ट स्टेशन होंगे। डीपीआर में स्टेशनों की संख्या जरूरत के हिसाब से कम और ज्यादा भी की जा सकती है।