Bihar News: बिहार में ऊर्जावान एवं प्रतिभावान खिलाड़ियों की भरमार है जहां 58% से अधिक आबादी 25 साल से कम उम्र के लोगों की है। यहां, देश में युवा आबादी का सबसे ज़्यादा अनुपात है। यही कारण है कि युवाओं को उत्तम तरीके से शिक्षित और प्रशिक्षित कर बिहार को विकसित बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संकल्पित हैं।
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सरकारी योजनाओं के माध्यम से मिल रही मदद और अपनी मेहनत की बदौलत यहां के युवा हर क्षेत्र में बिहार का नाम रौशन कर रहे हैं। बिहार की माटी ने हॉकी, एथलेटिक्स, तिरंदाजी सहित कबड्डी और क्रिकेट के क्षेत्र में देश को कई नामचीन खिलाड़ी दिए हैं। इनमें शिवनाथ सिंह, सी. प्रसाद , संजीव सिंह , राजीव कुमार सिंह एवं कीर्ति आजाद जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं।
खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के मद्देनजर नीतीश सरकार ने ‘दीर्घकालीन एथलीट विकास कार्यक्रम’ के तहत बिहार खेल छात्रवृत्ति योजना-2024 को मंजूरी दी। पहले, खेल में रुचि रखनेवाले युवा प्रतिभाएं आर्थिक अभाव में उड़ान भरने के पहले ही दम तोड़ देती थी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उनकी प्रतिभा को निखारना है। हर स्तर पर खिलाड़ियों की मदद की योजना है ताकि वो आगे बढ़ सकें। मेडिकल कॉलेज,इंजीनियरिंग कॉलेज सहित तमाम कॉलेजों में स्पोर्ट कोटा के तहत दाखिला लेने के लिए सीटों की संख्या का निर्धारण भी किया गया है।
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बिहार खेल छात्रवृति योजना को तीन श्रेणी में बांटा गया है| पहली कैटेगरी जिले से लेकर राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करनेवाले खिलाड़ियों की है| इसमें 12 से 18 वर्ष की उम्र के 500 खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष 3 लाख रुपये दिए जा रहे हैं| स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में व्यक्तिगत और टीम खेल में पदक जीतने वालों को इसमें शामिल किया जा रहा है। दूसरी कैटेगरी के तहत 12 से 24 आयु वर्ग के राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर के 200 खिलाड़ियों को हर साल 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है| इसमें वैसे एथलीट शामिल हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिये हैं या अखिल भारतीय विवि या राष्ट्रीय संघों द्वारा आयोजित खेल में पदक जीते हों।
बिहार खेल छात्रवृति योजना के माध्यम से तीसरी श्रेणी में ओलंपिक स्तर के 25 खिलाड़ियों को 20 लाख रुपए प्रतिवर्ष मदद स्वरूप दिया जा रहा है। तीसरे समूह में ओलंपिक स्तर की योग्यता हासिल करने वाले वैसे खिलाड़ियों को 20 लाख रुपये सालाना वित्तीय सहायता दी जा रही है जो वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीते हों या भाग लिये हों। इसमें विदेश में प्रशिक्षण की सुविधा भी शामिल है। राज्य खेल विभाग और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण की तरफ से खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति मुहैया कराई जा रही है।
छात्रवृत्ति पाने के योग्य खिलाड़ी scholarship.bihar.org वेबसाइट पर अपना विस्तृत ब्योरा भरकर सभी डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद अचीवमेंट वाले टैब में अपने खेलों में प्राप्त प्रमाणपत्र को भी अपलोड करें। यदि इससे पहले आपके द्वारा कोई छात्रवृत्ति हासिल की गयी है तो उसकी भी जानकारी साझा करें।
बिहार खेल छात्रवृति योजना के माध्यम से उक्त तीनों स्तर के खिलाड़ियों को कैशलेस मेडिकल बीमा की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। प्रारूप में यह भी कहा गया है कि खिलाड़ियों को व्यक्तिगत दुर्घटना नीति के तहत कवर किया जाएगा। योजनाओं के क्रियान्वयन और समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का प्रावधान है। इसमें वार्षिक आधार पर एथलीटों के प्रदर्शन की समीक्षा समिति द्वारा की जाएगी।
नीतीश सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी कैबिनेट की मंजूरी दी गयी है। इसके जरिये राज्य के सभी प्रमंडलों में अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। प्रत्येक प्रमंडल में जिस खेल विधा के ज्यादा खिलाड़ी होंगे, उसे ध्यान में रखते हुए स्टेडियम विकसित किया जाएगा| साथ ही खिलाड़ियों और कोच के रहने की भी व्यवस्था की जाएगी।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में निरंतर बिहार में खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए हर स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही खेल सुविधाएं विकसित की जा रही है। प्रदेश में प्रखंड स्तर पर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में मेडल पानेवाले खिलाड़ियों को बड़े पदों पर नौकरी मुहैया करा रही है। इससे खेल में रुचि रखनेवाले लोगों का उत्साह और आत्मविश्वास में काफी इजाफा हुआ है। खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।