Bihar Budget: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार आज अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है।
Bihar Budget: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार (Nitish Government) अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है, जिसका फोकस रोजगार (Focus Employment), महिला सशक्तिकरण और किसानों के कल्याण पर रहेगा। लोगों की इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं, क्योंकि यह बजट (Budget) आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पेश हो रहा है। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Patna: छठे दिन भी अखिल भारतीय असैनिक सेवा संगीत….. सजी सुरों और संगीत की महफिल

ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25
आज बिहार विधानसभा में वित्त मंत्री सम्राट चौधरी (Minister Samrat Chaudhary) नीतीश सरकार का आखिरी बजट पेश करेंगे। इस बजट में सबसे बड़ी प्राथमिकता राज्य की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी साल में सरकार विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार अवसरों पर जोर दे सकती है, जिससे युवा मतदाताओं के बीच अपनी छवि को मजबूत किया जा सके। सरकार पहले ही तीन लाख नई नौकरियों की घोषणा कर चुकी है, और इस बजट में शिक्षक बहाली, सिपाही भर्ती समेत कई अन्य नौकरियों की बड़ी घोषणा हो सकती है।
पेट्रोल-डीजल के दाम में राहत की उम्मीद
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिहार (Bihar) में पेट्रोल और डीजल के दाम पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और झारखंड के मुकाबले अधिक हैं। महाकुंभ मेले के दौरान बिहार से श्रद्धालु उत्तर प्रदेश गए, जहां पेट्रोल-डीजल के रेट कम थे, और सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा हुई। लोग अब नीतीश सरकार से पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की उम्मीद कर रहे हैं। वर्तमान में बिहार में पेट्रोल-डीजल पर 48 प्रतिशत वैट वसूला जाता है, जिससे इसके दाम काफी अधिक हैं। सरकार इस पर राहत देने के लिए कदम उठा सकती है।
कृषि और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान
इस बजट (Budget) में कृषि और ग्रामीण विकास भी महत्वपूर्ण स्थान ले सकते हैं। बिहार के अधिकांश हिस्से में खेती और ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति को देखते हुए, सरकार किसानों और ग्रामीण जनता के लिए नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है। किसानों के लिए ऋण माफी, ब्याज सब्सिडी और मंडी व्यवस्था लागू करने जैसी योजनाओं की उम्मीद जताई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन भी किया जा सकता है।
सामाजिक कल्याण योजनाओं पर जोर
चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए सरकार सामाजिक कल्याण योजनाओं पर भी फोकस कर सकती है। विशेष रूप से महिलाओं, वृद्धजनों और पिछड़े वर्ग के लिए नए कार्यक्रमों की घोषणा हो सकती है। हाल ही में तेजस्वी यादव ने वृद्धा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की मांग की थी, और यह बजट इस पर कोई अहम फैसला ले सकता है।
पुनर्निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर
बिहार में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (Infrastructure Projects) और विकास कार्यों की घोषणाएं भी इस बजट में की जा सकती हैं। चुनावी रणनीति के तहत सरकार सड़क, पुल और पर्यटन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए बजट में घोषणाएं कर सकती है, ताकि इससे रोजगार के अवसर पैदा हों और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिले।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान
सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और सार्वजनिक परिवहन जैसे बुनियादी क्षेत्रों में सुधार करने के लिए इस बजट में अतिरिक्त आवंटन कर सकती है। इससे ना केवल सरकार की छवि मजबूत होगी, बल्कि मतदाताओं को बेहतर सेवाएं देने का सरकार का संकल्प भी दिखेगा।
ये भी पढ़ेः Bihar: हर घर नल का जल योजना में लापरवाही पड़ी भारी, 4 का हुआ तबादला, 2 निलंबित
एक्सपर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री सम्राट चौधरी (Minister Samrat Chaudhary) द्वारा पेश किया गया यह बजट चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए संतुलित और विकासोन्मुखी हो सकता है। सरकार का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य के विकास को गति देना होगा, बल्कि चुनावी समीकरण को भी ध्यान में रखते हुए विभिन्न वर्गों को संतुष्ट करना होगा।

