कल 23 मई है। दिन मंगलवार..कल से पूरे देश में मौजूद अलग-अलग बैंकों में 2 हज़ार रुपए के नोट बदलने शुरू हो जाएंगे। लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा पेंच सामने आ गया है। 2000 के नोट का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। दरअसल बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया कि 2000 के नोट बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा करवाना..तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।
याचिका में RBI और SBI को निर्देश देने की मांग की है कि 2000 के नोट संबंधित बैंक खातों में ही जमा कराएं ताकि कोई भी अन्य बैंक खातों में पैसा जमा न कर सके और काला धन और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की आसानी से पहचान हो सके। अश्विनी उपाध्याया ने कोर्ट से भ्रष्टाचार, बेनामी लेनदेन को खत्म करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र को काले धन और आय से अधिक संपत्ति धारकों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की है।
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दरअसल देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि 2000 हजार रुपए के नोट बदलवाने के लिए लोगों को बैंकों में जाकर किसी तरह का कोई फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है. एसबीआई ने यह भी बताया है कि लोगों को नोट की बदली के लिए आधार कार्ड या पैन कार्ड अथवा कोई अन्य पहचान पत्र देने की भी जरूरत नहीं होगी। स्टेट बैंक ने कहा कि एक बार में 10 नोट बदले जा सकेंगे। इसी पर पूरा बवाल शुरू हो गया है।
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30 सितंबर तक नोट जमा नहीं किए तो क्या होगा?
जवाब: लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि RBI ने 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है।
इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया। RBI ने 30 सितंबर तक ऐसे नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है। बैंक ने यह भी कहा है कि यह इसके बाद भी लीगल रहेगा।