बड़ी ख़बर नोएडा-ग्रेटर नोएडा के निजी स्कूलों से आ रही है। जहां स्कूलों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि डीएम के आदेशों की धज्जियां उड़ाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। एक हफ्ते पहले गौतमबुद्ध नगर प्रशासन की नौ स्कूलों के साथ ली बैठक में सख्त निर्देश के बाद भी कई स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में चयनित विद्यार्थियों का दाखिला न लेकर उन्हें चक्कर काटने पर मजबूर कर रहे हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या में इन स्कूलों में चयनित विद्यार्थियों के अभिभावक बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में दाखिले की गुहार लेकर पहुंचे।
बेसिक शिक्षा विभाग की जारी की गई आरटीई की पहली लिस्ट में दाखिला न लेने वाले नौ स्कूलों के प्रतिनिधियों को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बैठक के लिए बुलाया था। बैठक में समर विले स्कूल नोएडा, दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा, मानव रचना स्कूल नोएडा, लोटस वैली स्कूल, राघव ग्लोबल स्कूल नोएडा, बाल भारतीय स्कूल नोएडा, दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्कूल, द मिलेनियम स्कूल के प्रतिनिधियों ने तो आने की जहमत भी नहीं उठाई। वहीं जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एडीएम वित्त की अध्यक्षता में बैठक में इन आठों स्कूलों को दाखिला न लेने पर मान्यता रद करने तक की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी अधिकतर स्कूलों की आंखें नहीं खुली हैं।
मंगलवार को सूरजपुर स्थित बेसिक शिक्षा कार्यालय में बड़ी संख्या में पहुंचे अभिभावकों में से अधिकांश द मिलेनियम स्कूल सेक्टर-41 नोएडा, दिल्ली पब्लिक स्कूल गामा-2 ग्रेटर नोएडा, दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल नॉलेज पार्क-5, लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल, प्रोमोथियस स्कूल सेक्टर-131 नोएडा, बाल भारती स्कूल नोएडा के खिलाफ गुहार लेकर पहुंचे और बेसिक शिक्षा अधिकारी एश्वर्या लक्ष्मी से इन स्कूलों की शिकायत की।
ऑल नोएडा पैरेंट्स एसोसिएशन के महासचिव के. अरुणाचलम का कहना है कि आरटीई के अंतर्गत चयन के बाद भी स्कूलों का एडमिशन ना देना चिंता का विषय है। अनसपा इसके सख्त खिलाफ है इस मामले पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं सुपरटेक इकोविलेज-1 में रहने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है कि शिक्षा पर गरीब बच्चों का भी अधिकार है। निजी स्कूलों को इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
कुल मिलाकर RTE के तहत गरीब बच्चों को एडमिशन ना देने का मामला यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। देखना है कि पूरे मसले पर कब तक कार्रवाई होती है।