Noida-ग्रेटर नोएडा के निजी स्कूलों पर चलेगा हंटर!

एजुकेशन ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
Spread the love

ज्योति शिंदे के साथ नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया

Noida News: ये ख़बर उन पेरेंट्स के लिए है जिनके बच्चे नोएडा-ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। ये बात शायद हर पैरेंट्स को पता होगी कि कोरोनाकाल में ली गई 15% फीस प्राइवेट स्कूलों को स्कूल फीस में एडजस्ट करनी थी।

ये भी पढ़ें: सिक्किम में ConveGenius का पहला ‘मिशन फ्रंटियर’

PIC-Social media

लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 350 स्कूलों में से मात्र 50 स्कूल ही फीस को एडजस्ट कर पाए हैं, जबकि शिक्षा विभाग कई बार ही रिमाइंडर भेज चुका है। वहीं पैरेंट्स ये आरोप लगा रहे हैं कि फीस एडजस्ट की बात जैसे ही मैनेजमेंट से पूछी जाती है वो सटीक जवाब देने की जगह बच्चा का नाम तक स्कूल से हटा देने की धमकी दी जाती है।

ये भी पढ़ें: UP के 5 टॉप MBBS कॉलेज..देखिए पूरी लिस्ट

NCR पैरेंट्स एसोसिएशन के फाउंडर सुखपाल सिंह तुर ने मामले को बेहद गंभीर बताया है। उनका साफ कहना है कि जब कोर्ट ने फीस एडजस्ट करने का निर्देश दे दिया है तो स्कूल फीस एडजस्ट करने से पीछे क्यों हट रहे हैं। फीस वापसी पेरेंट्स का अधिकार है। जिसे हर हाल में समायोजित किया जाना चाहिए

ANSPA के महासिचव के अरुणाचलम का मानना है कि स्कूलों को कोर्ट का आदेश ना मानना..सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन है। उन्होंने साफ कहा है कि सरकार को ऐसे स्कूलों की मान्यता फौरन रद्द करने का आदेश जारी कर देना चाहिए

रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है कि जब अदालत ये मान चुकी है कि कोरोना काल में ली गई 15% फीस एडजस्ट होनी चाहिए तो स्कूलों को फीस एडजस्ट करने में परेशानी क्यों है। क्यों बार-बार शिक्षा विभाग को उन्हें नोटिस भेजने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

आपको बता दें दो महीने पहले जिला विद्यालय निरीक्षक की तरफ से सर्कुलर भेजकर कोरोना के समय फीस समायोजित करने का विवरण मांगा था। प्राइवेट स्कूल शीर्ष अदालत के आदेशों का हवाला देकर फीस को समायोजित नहीं कर रहे थे। इसके बाद ही प्रदेश की सरकार ने न्यायालय के आदेशों का स्पष्टीकरण जारी किया गया था। इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने 5 जुलाई को जिले के यूपी बोर्ड, सीबीएसई सहित आईसीएसई बोर्ड के 350 विद्यालयों को सर्कुलर भेजकर एक वीक यानी हफ्ते के अंदर फीस समायोजित करके विवरण मांगा है और बार बार रिमाइंडर भी भेज रहा है।

ये है पूरा मामला
कोरोना काल में भी शैक्षणिक सत्र 2020 – 2021 में ऑनलाइन क्लासेज का संचालन किया गया था। लेकिन इसके बाद भी विद्यालय की ओर से पूरी फीस ली गई है। अभिभावक तब से ही इसका विरोध कर रहे हैं। इसपर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 15 प्रतिशत फीस वापस करने का आदेश दिया था। इसके अनुसार, स्कूल को बच्चों की फीस को अगले सत्र में समायोजित करनी थी। वहीं, फीस समायोजित नहीं करने पर डीएम ने कुल 100 विद्यालयों पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

Read khabrimedia, Latest Greater Noida News,Greater noida news, Noida Extension news, greater noida Society News khabrimedia- Top news-Latest Noida news-latest greater Noida news-latest greater Noida news-latest Noida extension news-latest Delhi Ncr news- Big news of today-Daily News-Greater Noida Society news-Greater Noida News in Hindi