अगर आप को रोजाना नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर जाम से गुजरना पड़ता है तो ये ख़बर आपके लिए है.. क्योंकि नोएडा प्राधिकरण ने 25 किलोमीटर लंबे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सुबह और शाम के समय भीड़भाड़ को करने के लिए बड़े कदम उठाने का फैसला लिया है।
आपको बता दें नोएडा एक्सप्रेसवे पर लोगों को हर दिन जाम का सामना करना पड़ता है.. महामाया फ्लाईओवर से कालिंदी कुंज, महामाया फ्लाईओवर से डीएनडी या मयूर विहार, पर हर दिन पीक आवर्स के दौरान लोगों की टेंशन बढ़ जाती है। गाड़ियां को रेंगने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को डी-कंजेस्टिंग के लिए संभव विकल्पों का पता लगाने के लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी को शामिल करने के लिए जल्द ही एक टेंडर जारी करने की बात सामने आ रही है।
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी के मुताबिक पिछली कंपनी ने सर्वेक्षण और रिपोर्ट के लिए एक भारी भरकम राशि की मांग की थी, जिसे प्राधिकरण ने खारिज कर दिया..
प्राधिकरण के मुताबिक उनके पास यातायात मुद्दों पर काम करने के लिए रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (RITES) सलाहकार के रूप में है। हालांकि, कंसल्टेंटर सर्वे रिपोर्ट की भी बात सामने आ रही है जिसके लिए 3.8 करोड़ रुपए की demand रखी गई थी ।
प्राधिकरण के कुछ इंजीनियरों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के ऊपर एक एलिवेटेड रोड बनाने और यमुना नदी के साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच एक अतिरिक्त लिंक रोड बनाने का सुझाव दिया है।
यमुना तटबंध का 11 किलोमीटर का हिस्सा पहले ही बन चुका था और जून 2014 में इसे जनता के लिए खोल भी दिया जा चुका है । हालांकि, इसका 15 किलोमीटर का हिस्सा अभी भी अधूरा है। प्राधिकरण ने मार्च 2016 में अंतिम स्वीकृति के लिए दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) को इस 15 किमी सड़क के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भेजी।15 मीटर चौड़ी सड़क की अनुमानित लागत डीपीआर के अनुसार निर्माण के लिए 275 करोड़ रुपये थी ।
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक प्रतिदिन 150,000 से अधिक गाड़ियां एक्सप्रेसवे से होकर गुज़रती हैं। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण बिना देर किए समस्या का समाधान निकालना चाहती है।