दिल्ली सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मिलते ही उन हज़ारों गेस्ट टीचर की उम्मीद जाग गई है जो पिछले 10 सालों से रेगुलर होने की आस लगाए बैठे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिल्ली सरकार के गेस्ट टीचर्स को पक्का करने की उम्मीद जगी है। गेस्ट टीचर्स लगातार मांग कर रहे हैं दिल्ली सरकार अपने वादे को पूरा करे। चूंकि अब शक्तियां मिलने के कारण नियमित करने का मामला पूरी तरह से दिल्ली सरकार के हाथ में आ गया है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार विधानसभा में जल्द ही नियमित करने का कानून लगाएगी।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में करीब 20 हजार गेस्ट टीचर्स हैं। यह कहा जा रहा था कि गेस्ट टीचर्स से संबंधित फाइल उपराज्यपाल के पास अटकी है। ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सर्विसेज की शक्ति दिल्ली सरकार को दी है। इस तरह से विधानसभा को कानून बनाने की शक्ति मिल गई है। ऐसे में दिल्ली सरकार अब गेस्ट टीचर्स को नियमित करने का कानून विधानसभा में बना सकती है। दिल्ली सरकार चाहे तो वर्ष 2017 में गेस्ट टीचर्स को नियमित करने का जो बिल विधानसभा में पास किया था, उसकी आपत्तियों को दूर कर उपराज्यपाल से पास कराकर नियमित कर सकती है। इसके अलावा फिर से विधानसभा में गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण का नया बिल बनाकर गेस्ट टीचर्स को नियमित कर सकती है।