बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए जगदीप धनखड़ को NDA का प्रत्याशी घोषित किया है। मौजूदा समय में धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. वर्ष 1951 में झुंझुनूं जिले के गांव किठाना में जन्मे धनखड़ ने अपनी शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से पूरी की है. धनखड़ जाट समुदाय से आते हैं। आपको बता दें धनखड़ सुप्रीम कोर्ट के वकील रह चुके हैं और नौवीं लोकसभा में 1989-91 तक सांसद रहे हैं। राजस्थान में जाट आरक्षण को बरकरार रखने में उनकी अहम भूमिका रही है। धनखड़ अजमेर जिले किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं.
कब है उपराष्ट्रपति का चुनाव ?
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 5 जुलाई को जारी हो चुकी है. उम्मीदवार इसके लिए 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं. नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को होंगी. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 22 जुलाई तक वापस ले सकेंगे. चुनाव के लिए आयोग ने 6 अगस्त की तारीख तय की है.
देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
राष्ट्रपति चुनाव से कितना अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव..?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है. संसद के दोनों सदनों के सदस्य इसमें हिस्सा लेते हैं. हर सदस्य केवल एक वोट ही डाल सकता है. जबकि राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है. राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं है. उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसे सदस्य भी वोट कर सकते हैं.
उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं. इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत सदस्य वोट करते हैं. इस तरह से इनकी कुल संख्या 790 हो जाती है।
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