नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डर सुपरटेक(Supertech) को लेकर बड़ी ख़बर सामने आ रही है। सुपरटेक बिल्डर ने उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की ओर से जारी रिकवरी सर्टिफिकेट पर एक बार फिर अपना पक्ष रखा है।
ये भी पढ़ें: Noida सेक्टर 62 से वसुंधरा होगा जाम फ्री..क्योंकि अगले महीने से शुरू होगा
बिल्डर की ओर से शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को एक पत्र भेजा गया है। जिसमें बताया है कि यमुना अथॉरिटी की कमियों के कारण उन्हें जमीन नहीं मिल पाई। ऐसे में घरों का निर्माण करना संभव नहीं था। यही वजह रही कि आवंटन को फ्लैट नहीं दिया जा सके। कंपनी के खिलाफ यूपी रेरा से जारी रिकवरी सर्टिफिकेट को रीकॉल करवाया जा रहा है। सुपरटेक ने कहा- अभी और पैसा देना संभव नहीं है।
ये भी पढ़ें: 100 रुपए के लिए पत्रकार की जान ले ली..डॉक्टर है या जल्लाद!
क्या है पूरा मामला ?
सुपरटेक अपकंट्री परियोजना के प्रभावित आवंटियों की ओर से यूपी रेरा में मुकदमे दाखिल किए गए थे। उन मुकदमों पर रिकवरी सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। यूपी रेरा में कंपनी ने रि-कॉल पिटीशन दायर की है। कंपनी का दावा है कि जल्दी ही यूपी रेरा से रि-कॉल आर्डर आ जाएंगे। कंपनी की आर्थिक दशा अच्छी नहीं है। परियोजनाएं पूरी नहीं होने की वजह से मुकदमे चल रहे हैं। कंपनी को लगातार घाटा हो रहा है। हम जिला प्रशासन और यमुना प्राधिकरण… से सहयोग चाहते हैं। वसूली की प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित कर दिया जाए। हमें शिकायतों और आरसी का समाधान करने के लिए वक्त की जरूरत है।
ये भी पढ़ें:सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा की पूरी कहानी, कितने अमीर हैं, कितनी कंपनियां हैं इनके पास?
जानकारी के मुताबिक बिल्डर ने समझौते के तहत 5 करोड़ की आरसी और दो करोड़ नगद देने का वादा किया था। लेकिन आरोप है कि सिवाए एक करोड़ के कंपनी के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कोई पैसा जमा नहीं करवाया। जिसके बाद जिला प्रशासन ने एक बार फिर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।