नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
ग्रेटर नोएडा में अपनी मांगों को लेकर 120 दिनों से धरना दे रहे किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे उग्र रूप धारण कर रहा है।रविवार 18 जून को पुलिस लाठीचार्ज के विरोध और जेल में कैद किसानों को रिहा करने की मांग को लेकर धरनास्थल में एक साथ कई संगठनों ने आंदोलनकारी किसानों का समर्थन किया।
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वहीं इस दौरान पुलिस के साथ प्रशासन दोनों को आंदोलनकारियों ने चेतावनी भी दी कि जल्द से जल्द कैद किसानों को रिहा नहीं किया गया तो वे प्राधिकरण गेट पर ही महापंचायत को बुलाकर बड़ा आंदोलन करेंगे। साथ ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा चक्काजाम कर देंगे।
किसान क्यों कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन?
अखिल भारतीय किसान सभा के मुताबिक “हम 4 गुना सर्किल रेट मुआवज़ा, 10 फीसदी आबादी प्लॉट और बच्चों के लिए रोज़गार संबंधित पांच सूत्री मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।” किसानों ने साफ कह दिया है कि अगर 15 दिनों के अंदर मांगें नहीं मानी गई तो आर-पार की लड़ाई होगी।
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आर पार की होगी लड़ाई
संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश जफरगढ़ ने बताया कि पिछले कई वर्षों से क्षेत्रीय किसान मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं। लेकिन प्राधिकरण में शासन स्तर से कोई भी उनकी मदद नहीं की जा रही है। साथ ही उनके समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। जिसकी वजह से क्षेत्रीय किसानों में रोष है। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाएंगी। तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे। जिसके चलते अन्य गांवों से भी सैकड़ों किसान धरने पर पहुंचेंगे।
किसानों की मांगे इस प्रकार हैं:
* वंचित किसानों को तुरंत 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट दिया जाए
* सर्किल रेट का 4 गुना मुआवज़ा, 24000 रुपये प्रति वर्ग मीटर, घोषित किया जाए
* आवासीय योजनाओं में किसानों का दोनों तरह का कोटा बहाल किया जाए, रोज़गार नीति लागू कर स्थानीय युवाओं को कंपनियों में रोज़गार तय किए जाएं
* किसानों और उनके परिवार के लिए निःशुल्क शिक्षा व चिकित्सा की सुविधा नीति लागू की जाए
* भूमिहीन परिवारों को 40 वर्ग मीटर आबादी के प्लॉट दिए जाएं।