Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कई स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। बता दें कि परिवहन विभाग (Department of Transportation) ने स्कूल बसों (School Bus) की फिटनेस दुरुस्त कराने के लिए समय दिया गया, इसके बाद चेतावनी भी दी गई, लेकिन फिर भी स्कूल संचालकों पर इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है। बच्चों को स्कूल छोड़ने और वहां से लाने वाले करीब 217 स्कूली वाहन ऐसे हैं, जिनका फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate) लगभग दो साल पहले ही खत्म हो चुका है। इनमें 177 बस और 40 स्कूली कैब शामिल हैं।
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परिवहन विभाग की तरफ से दो से तीन बार इनके संचालकों को नोटिस भेजी जा चुकी है लेकिन फिर भी फिटनेस नहीं कराया गया है। ऐसे में विभाग अब इन बसों पर बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। इन सभी स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर दिया गया है और चेतावनी भी दी गई है। इन वाहनों को दिसंबर तक का समय दिया गया है। दिसंबर तक अगर कोई संचालक टेस्ट नहीं करता है तो विभाग उस वाहन को ब्लैकलिस्ट कर देगा।
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में स्कूल बस और कैब (Cab) के रूप में 1790 वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें 200 से ज्यादा स्कूल वाहन अनफिट हैं, वहीं 175 वाहनों की आयु सीमा खत्म हो चुकी है। इनमें 121 बस और 54 कैब हैं। स्कूल बसें 20 साल चलने पर कबाड़ घोषित कर दी जाती है। एआरटीओ (ARTO) सियाराम वर्मा ने कहा कि प्रवर्तन की पांच टीमें इसके लिए लगाई गई हैं। नौनिहालों की जिंदगी के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। जनवरी से महा अभियान चलाकर इन बसों पर कार्रवाई करने की योजना है।
वैन में बैठाते हैं ज्यादा बच्चे
स्कूल वैन (School Van) में क्षमता से भी ज्यादा बच्चों को बैठाया जाता है। ज्यादातर बसों में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं है। अगर है तो उसमें दवा नहीं होती। हालांकि स्कूल संचालकों का कहना है कि स्कूल के वाहनों में मानकों का पूरा ध्यान रखा जाता है। लेकिन विभाग द्वारा जब चेकिंग की जाती है तो ऐसा नहीं पाया जाता है।
स्क्रैप कराने का नोटिस भेजा
वहीं एआरटीओ प्रशासनिक सियाराम वर्मा ने कहा कि बसों के फिटनेस के लिए संबंधित स्कूलों को नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कबाड़ हो चुकी स्कूल बसों को स्क्रैप कराने के लिए संबंधित स्कूलों के साथ वाहन स्वामी को नोटिस भेजा जा चुका है। जल्द ही परिवहन विभाग इन्हें जब्त करने के लिए अभियान चलाएगा।
जानिए क्या हैं सुरक्षा के मानक
बस में सिटिंग क्षमता के अनुसार अग्निशमन यंत्र हो।
स्कूल बस में फर्स्ट एड बॉक्स हो ।
स्कूल बस की अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा होना व स्पीड कंट्रोल यंत्र हो।
स्कूल बस की बॉडी स्टील की और पूरी तरह से बंद हो।
बस का दरवाजा ठीक ढंग से बंद हो।
प्रेशर हॉर्न या टोनल साउंड सिस्टम प्रतिबंधित हो।
स्कूल बस के लिए तय मानक
स्कूल बस में चालक के अलावा बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए सहायक हो।
स्कूल बस के चालक और सहायक को ड्यूटी के समय निर्धारित ड्रेस में होना चाहिए।
वाहन शैक्षणिक संस्था के नाम से पंजीकृत होना चाहिए।
स्कूल बस के आगे व पीछे मोटे अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए।
बस पर स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए।
स्कूल बस में बच्चों की सूची, नाम व पता, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट होना चाहिए।