Ghaziabad News: गाजियाबाद के वसुंधरा में आवास विकास परिषद ने अवैध निर्माण (Illegal Construction) पर बड़ा एक्शन लेते हुए कई इमारतों में तोड़फोड़ की कार्रवाई (Action) को अंजाम दिया गया। वसुंधरा (Vasundhara) में 5 हजार से अधिक अवैध निर्माण हैं। इसका खुलासा सर्वे रिपोर्ट से हुआ है। यह कार्रवाई नक्शे के विपरीत बनी इमारतों पर की गई। पढ़िए पूरी खबर…
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गाजियाबाद के वसुंधरा (Vasundhara) में 5 हजार से अधिक अवैध निर्माण हैं। इसका खुलासा सर्वे रिपोर्ट से हुआ है। बता दें कि मकानों को खरीदकर बिल्डर बड़े स्तर पर बहुमंजिला इमारत बना रहे हैं। आवास विकास परिषद के द्वारा समय-समय पर अवैध निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई देखने को मिलती है। लेकिन बिल्डर (Builder) दोबारा से निर्माण शुरू कर देते हैं। बीते गुरुवार को आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियंता मय पुलिस फोर्स के अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए पहुंचे।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आवास विकास परिषद के संपत्ति प्रबंधक सुनील शर्मा (Sunil Sharma) ने बताया कि नक्शे के विपरीत किए गए अवैध निर्माण पर गुरुवार को कार्रवाई की गई है। एक मंजिला बना मकान खरीद कर बिल्डर इसे बिना नक्शा पास कराए बहुमंजिला मकान बना देते हैं। इस प्रकार की बिल्डिंग के विरुद्ध वृहद स्तर पर तोड़ फोड़ की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि बिल्डरों द्वारा बड़े स्तर पर नक्शे के विपरीत बिल्डिंग (Building) बनाकर आम लोगों को बेच दिया जाता है। पूर्व में कई इमारतों पर सीलिंग की कार्रवाई भी की गई है, लेकिन शिकायत आ रही हैं कि बिल्डरों द्वारा सिलिंग तोड़कर पुनः बिल्डिंग बनाने का कार्य किया जा रहा है।
5 हजार फ्लैट पर गिरेगी गाज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 6 माह पूर्व वसुंधरा (Vasundhara) स्थित एक बहुमंजिला इमारत को गिराने का आदेश हाईकोर्ट के द्वारा दिया गया था। आदेश के बाद काफी हंगामा मचा था। इस दौरान आवास विकास परिषद के द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आया कि वसुंधरा सहित इंदिरापुरम क्षेत्र में 5 हजार मकानों में नक्शे के विरुद्ध निर्माण कार्य किया गया है।
इनमें अतिरिक्त फ्लैट बनाकर बिल्डर द्वारा बेच दिए गए हैं। इस पूरे प्रकरण में आवास विकास परिषद के कई अधिकारियों की गर्दन फंसती नजर आ रही थी। जिसके बाद खानापूर्ति कर अधिकारियों द्वारा पूरे मामले को रफादफा कर दिया गया था।
हर सेक्टर में नक्शे के विपरीत निर्माण किया
सूत्रों के मुताबिक अभियंताओं के सर्वे में स्पष्ट है कि कोई भी सेक्टर ऐसा नहीं है, जहां अवैध निर्माण न हुआ हो। आवास विकास के एकल भवन कई मंजिला बन चुके हैं या उन्हें बिल्डरों ने खरीदकर फ्लैट बना दिए हैं। बिल्डर या अन्य लोगों ने आवास विकास से नक्शा तो स्वीकृति कराया है, लेकिन भूखंड पर निर्माण नक्शे के विपरीत है। जबकि कई जगह आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक निर्माण हो चुका है।