Bandhavgarh Elephant Deaths Case: CM Mohan strict on the death of wild elephants, orders immediate investigation

Bandhavgarh Elephant Deaths Case: जंगली हाथियों की मौत पर CM Mohan सख्त, तत्काल जांच के आदेश

मध्यप्रदेश राजनीति
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Bandhavgarh Elephant Deaths Case: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ क्षेत्र में हाथियों की संदिग्ध मौतों के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उच्चस्तरीय आपातकालीन बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने वन विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए और इस मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

तीन सदस्यीय जांच दल का गठन

सीएम यादव (CM Yadav) ने इस घटना की विस्तृत जांच के लिए वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार (Dilip Ahirwar) के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय दल का गठन किया है। इस दल को घटना स्थल उमरिया में भेजा जा रहा है और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने स्पष्ट किया कि घटना के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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कोदो से भरे मिले हाथियों के पेट, जांच होगी

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने बताया कि पोस्टमार्टम (Postmortem) में हाथियों के पेट में बड़ी मात्रा में कोदो पाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे लिए गए सैंपल्स की वैज्ञानिक जांच कराई जाएगी ताकि किसी जहरीले पदार्थ की संभावना का पता लगाया जा सके। रिपोर्ट आने में चार दिन लग सकते हैं, तब तक वरिष्ठ स्तर से घटना की पूरी जानकारी ली जाएगी।

वन्यजीव सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध सरकार

मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा, हमारी सरकार वनों की रक्षा और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को सजग रहने और संवेदनशील बने रहने का निर्देश दिया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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मुख्यमंत्री के निर्देश:

उच्चस्तरीय दल को घटना स्थल उमरिया जाकर घटना की जांच करने का निर्देश।

दल से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट की मांग।

जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन।

वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार और दो वरिष्ठ अधिकारियों को उमरिया भेजने का आदेश।

इस आपात बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री ने एक सख्त संदेश दिया है कि प्रदेश में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं