Delhi Traffic Challan: राजधानी दिल्ली से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दिल्ली (Delhi) में ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी (Transport Secretary) का एक ही जगह पर 3 बार ओवर स्पीड के लिए चालान (Challan) कट गया। उन्हें सड़क पर लगे साइन बोर्ड नहीं दिखा, क्योंकि ये एक पेड़ के पीछे छिपा हुआ था। उन्होंने गलत तरह साइन बोर्ड लगे होने पर चिंता जताई हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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एक ही जगह पर 3 बार ओवर स्पीड के लिए चालान
दिल्ली में एक खास जगह पर सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन (Anurag Jain) का ओवर स्पीड से गाड़ी चलाने के लिए 3 बार चालान कट गया। इसकी वजह ये थी कि उन्होंने स्पीड लिमिट का साइन बोर्ड नहीं देखा, क्योंकि वो एक पेड़ के पीछे होने के कारण छिप गया था। ये ऐसा पहला मामला नहीं है। पेड़ों और खंभों के पीछे साइन बोर्ड (Sign Board) होने की वजह से अक्सर वाहन चालक इन्हें देख नहीं पाते और इसकी वजह से उन्हें चालान मिलते रहते हैं।
क्या है मामला?
परिवहन सचिव अनुराग जैन ने कहा है कि उस व्यक्ति ने मुझे बताया कि बोर्ड पर 50 किमी/प्रति घंटे की स्पीड लिमिट का संकेत अंकित है। बाद में, मैं उस जगह पर गया, तो मैंने पाया कि साइन एक ऐसी जगह पर लगाया गया था, जिसके सामने एक पेड़ था। आप इसे केवल तभी देख सकते हैं जब आप इसके बहुत करीब हों।
मुझे नहीं दिखा साइन बोर्ड
परिवहन सचिव अनुराग जैन के मुताबिक ट्रैफिक सिस्टम (Traffic System) ये नहीं देखता कि वाहन चालक कौन है। मैंने 3 बार स्पीड लिमिट क्रॉस करने के लिए चालान भरा है। लेकिन मेरी समस्या अलग थी। मैंने पुलिस के साथ यह मुद्दा उठाया कि स्पीड साइन मुझे दिखाई देने चाहिए। मुझे लगा कि उस स्ट्रेच पर स्पीड लिमिट 60 किमी/प्रति घंटा है, और मेरी गाड़ी 61 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी।
आमतौर पर चालान मिलने का कारण यह नहीं होना चाहिए था। जैन ने सड़क के संकेतों को सही ढंग से लगाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने शुक्रवार को अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहा कि तकनीक सभी यात्रियों के साथ समान व्यवहार करती है और ड्राइवरों को याद न दिलाने के लिए सही जगह पर रोड साइन लगाने की जरूरत है।
पहले भी एक अधिकारी ने उठाया मुद्दा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चालान पर बताई गई स्पीड लिमिट (Speed Limit) को वेरीफाई करने के लिए जैन ने किसी को स्पीड लिमिट साइन चेक करने भेजा। उस व्यक्ति ने मुझे बताया कि बोर्ड पर लिखी स्पीड लिमिट 50 किमी प्रति घंटा थी। बाद में, जब मैं उस स्ट्रेच पर गया, तो मैंने पाया कि साइन बोर्ड (Sign Board) उस जगह पर लगाया गया था जहां उसके सामने एक पेड़ था। आप इसे तभी देख सकते हैं जब आप इसके बहुत करीब हों। यह पहली बार नहीं है जब किसी सड़क परिवहन सचिव ने साइन बोर्ड की खराब प्लेसमेंट को लेकर चिंता जताई है। जैन के पहले भी वाईएस मलिक ने दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर एक साइन बोर्ड के बारे में बताया था क्योंकि यह बहुत छोटा था।
स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
साल 2017 में इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (Institute of Road Traffic Education) द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक खराब रोड साइन बोर्ड और सिग्नल बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम, सड़क दुर्घटनाओं और पाइल-अप के लिए जिम्मेदार हैं। इस स्टडी में दिल्ली के 14 प्रमुख हिस्सों में 1514 रोड साइन बोर्ड की जांच की गई और पाया गया कि उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करते थे।