नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
दिल्ली-NCR समेते पूरे देश में फिलहाल एक बीमारी की चर्चा जोरों पर है। और वो है Eye Flu मतबल आंख की बीमारी। पूरे देश में कंजक्टिवाइटिस यानी की फ्लू का खतरा दो गुना ज्यादा बढ़ गया है।
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हॉस्पिटल्स में लगातार फ्लू के पेशेंट्स बढ़ते ही जा रहे हैं। स्पेशली बच्चों के ज्यादा मामले आ रहे हैं। हाल तो ये है कि स्कूल ने भी एडवाइजरी जारी कर दिया है और पैरेंट्स को हिदायत देते हुए कहा है कि यदि बच्चे में जरा सा भी फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उन्हें किसी भी हाल में स्कूल न भेजें।
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आई फ्लू से बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं को ऐसे बचाएं
आई फ्लू से बचाव के उपाय
– पीड़ित व्यक्ति काला चश्मा पहने
– टीवी या मोबाइल से दूरी बनाएं
– आंखों को बार-बार छूने से बचें
– इन्फेक्शन से बचने के लिए बारिश से बचें
– आंखों को गुनगुने पानी से क्लीन करें
– आंखों को साफ करने के लिए साफ और सूती कपड़े का इस्तेमाल करें
– आई फ्लू के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
पूरे मामले पर डॉक्टर निशंक शेखर का कहना है कि जहां पहले फ्लू को पूरी तरह से सही होने में तीन से चार दिन लगते थे, वहीं अब आठ से लेकर दस दिन में पेशेंट्स रिकवर हो पाता है। ऐसे में इन दिनों आंखों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।
दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट की मानें तो, 15 जुलाई तक दिल्ली में 163 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश ऑप्थेल्मोलॉजी सोसाइटी की महासचिव डॉक्टर मोहिता शर्मा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि मानसून के सीजन में वायरस बेहद आसानी से पनपते हैं। इसी कारण तेजी से बीमारियां बढ़ जाती हैं। फ्लू के मामले पूरे प्रदेश से सामने आ रहे हैं।
ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या होता है फ्लू
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शिशिर नरेन का कहना है कि आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस अथवा पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। ये आंखों के व्हाइट पार्ट में होने वाला संक्रमण है। खासतौर में ये बारिश के मौसम में तेजी से फैलता है। इसके ज्यादातर मामले सर्दी खांसी वाले वायरस के कारण से बढ़ते हैं। बच्चों के मामले में जीवाणु संक्रमण भी इसकी एक वजह हो सकता है। बात करें इसके लक्षणों की तो डॉक्टर शिशिर नरेन का कहना है कि बहुत ज्यादा गंभीर तो नहीं होता है लेकिन इस दौरान आंखों की साफ सफाई के उपर खास प्रकार से ध्यान रखने की जरूरत होती है।
क्या होते हैं आई फ्लू के लक्षण
ज्यादातर मामलों में आंखों में सफेद रंग की गंदगी इकट्ठा होना शुरू हो जाती है। आंखों में सूजन आने लग जाती है। आंखों से पानी बहने लग जाता है। कई मामलों में तो आइस में दर्द और खुजली स्टार्ट हो जाती है। इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगे तो जल्द से जल्द नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए और समय से इलाज को शुरू कर देना चाहिए। आई फ्लू एक आंख से शुरू होकर दूसरे आंख को भी अपना शिकार बना लेता है। आई फ्लू एक तरीके का संक्रामक रोग है, इसलिए पीड़ित मरीज के पास जाने से थोड़ा अवॉइड करना चाहिए। यदि जा भी रहे हैं तो आई कॉन्टैक्ट न करें और चस्मे का इस्तेमाल करें।
आई फ्लू ग्रसित पेशेंट्स रखें इस बात का ख्याल
कंजंक्टिवाइटिस या आई फ्लू के पेशेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आंखें शरीर के सबसे सेंसिटिव पार्ट्स में से एक है। ऐसे में इसपर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। आंखों की ठंडी पानी से सिकाई करते रहें, और थोड़ी देर में क्लीन वाटर से आंखों को साफ करते रहें। ऑफिस यदि जा भी रहे हैं तो चस्मा जरूर पहनें और कंप्यूटर में की बोर्ड या माउस का यूज करें तो पहले और यूज करने के बाद उसको सेनिटाईज कर लें। भीड़ भाड़ वाली जगहों में न जाएं क्योंकि ये बीमारी दूसरों को भी फैल सकती है। आंखों में नियमित रूप से गुलाब जल अथवा आई ड्रॉप डालें।