होली पर रहें सावधान! लापरवाही डाल सकती है खतरे में जान !

हेल्थ & ब्यूटी
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देशभर में मौसम बदल रहा है. इसके चलते लोगों में बुखार, सर्दी-जुखाम के मामले में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है…कुछ ही दिनों बाद होली है। जाहिर है लोग बाहर निकलेंगे..मौज मस्ती करेंगे। रेन डांस भी होगा। ऐसे में बुखार, सर्दी, खांसी के केस बढ़ने की पूरी संभावना है।

सौ. सोशल मीडिया

और जब गले में खराश, बुखार, सर्दी हो तो ज्यादातर लोग बिना डॉक्टरी सलाह के तुरंत एंटीबायोटिक का सेवन कर डालते हैं जो कि गलत है। जिसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA ने एडवाइजरी जारी की।

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आपको सबसे पहले बताते हैं IMA ने क्या एडवाइजरी जारी की है.

  • IMA ने डॉक्टर्स को सलाह दी है कि वो मरीजों को एंटीबायोटिक लिखने से बचें
  • आम लोग सर्दी, खांसी या बुखार होने पर खुद से कोई भी एंटीबायोटिक नहीं लें
  • IMA का कहना है एजिथ्रोमाइसीन, अमोक्सीक्लेव जैसी दवाइयों को बिना डॉक्टर्स की सलाह के ना लें
  • डॉक्टर्स को पहले एंटी एलर्जिक दवा देनी चाहिए
  • डॉक्टर्स को सीधे एंटीबायोटिक दवाइयां देने से बचना चाहिए।
  • दरअसल भारत में कुछ दिनों से इन्फ्लुएंजा एच3एन2 (H3N2) वायरस के काफी मामले दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टरों को सलाह दी है कि वो मरीजों एंटीबायोटिक लिखने से बचें. दरअसल मौसम बदलने के साथ बुखार, सर्दी, खांसी के केस तेजी से बढ़े हैं. National Centre for Disease Control (NCDC) के मुताबिक इस तरह के ज्यादातर केस H3N2 वायरस के हो सकते हैं.

अधिकांश मामले इन्फ्लुएंजा वायरस के
आईएमए ने बताया कि ये संक्रमण औसतन पांच से सात दिनों तक रहता है. बुखार तीन दिनों में खत्म हो जाता है. लेकिन खांसी तीन हफ्ते तक बनी रह सकती है. एनडीसी की जानकारी के मुताबिक इनमें से अधिकांश मामले में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के हैं. आईएमए ने डॉक्टरों को सलाह दी कि वे एंटीबायोटिक्स देने से परहेज करें.