Punjab News: जैसे जैसे लोकसभा चुनाव पास आ रहा है सभी दलों ने अपनी कमर कसनी शुरु कर दी है। इसी क्रम में पंजाब से आप राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन अपना पहला चुनाव लड़ने जा रहा है। 18 जनवरी को चंडीगढ़ में होने वाला मेयर चुनाव केवल चंडीगढ़ (Chandigarh Mayor Election) तक सीमित नहीं है। यह देश की राजनीति की तस्वीर, दिशा और दशा बदलने का काम करेगा। यह लोकसभा 2024 चुनाव की नींव रखने वाला चुनाव होगा। इसी से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) का आगाज होगा।
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राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि गठबंधन पहली बार भाजपा के सामने होगा। यह पहले मैच होगा। हमें विश्वास है कि हम इस चुनाव को जीतेंगे। उन्होंने कहा कि इस चुनाव को सिर्फ आम चुनाव न समझें। जैसे टीम इंडिया का जब भी किसी टीम से मुकाबला हुआ तो भारत को लोग जिताते हैं। वहीं, इस चुनाव के बाद स्कोर I.N.D.I.A. एक और भाजपा 0 होगा।
I.N.D.I.A. गठबंधन का भाजपा से पहली बार मुकाबला होगा। वहीं, इस जीत का मैसेज देश के कोने कोने तक जाएगा। यह लोगों के मन में एक आशा की किरण दिखाएगा। वहीं, 2024 में केंद्र में भाजपा से छुटकारा दिलवाएगा।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार 14 जनवरी को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल व राघव चड्ढा की बैठक राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से हुई है।
सीटों के बंटवारे पर बाद में होगी बात
लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की बात बाद में होगी। इस पर क्रिकेट की तरह प्रति बॉल कॉमेंट्री नहीं होगी। जैसे कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। उसके बारे में जरूर जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेताओं से हमारी मीटिंग में कई बिंदुओं पर बात हुई है। उन्होंने कहा कि आप और कांग्रेस साथ आते हैं तो हम दो नहीं 11 हो जाएंगे। अरविंद केजरीवाल राम भ्क्त हैं। जब भी कोई काम करते हैं तो उन्हें लेकर आते हैं। किसी से सर्टिफिकेट नहीं लेना पडे़गा। अभी राम मंदिर का न्योता नहीं आया है। जब आएगा तो बता दिया जाएगा।
पंजाब पहुंचे कांग्रेस के पार्षद
चंडीगढ़ में 18 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव को लेकर आप-कांग्रेस व भाजपा अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। कांग्रेस के पार्षद 2 दिन पहले शिमला गए थे। लेकिन, आम आदमी पार्टी के साथ हुए गठबंधन के बाद वह चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। इसके बाद मेयर पद के उम्मीदवार जसवीर बंटी ने अपना नामांकन वापस लिया। अब फिर कांग्रेस के सभी पार्षदों को रोपड़ के एक होटल में भेजा है। अब चुनाव वाले दिन ही वह वापस आएंगे। आम आदमी पार्टी के पार्षद भी रोपड़ के एक रिसॉर्ट में रुके हुए हैं। वहीं, भाजपा ने अपने सारे पार्षदों को पंचकूला के एक गेस्ट हाउस में रोका हुआ है।
पहले जानिए, चंडीगढ़ में पार्षद वोटों का गणित…
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं। मेयर चुनाव में इन 35 वोटों के साथ ही सांसद का भी वोट मान्य होता है। यहां भाजपा के 14, आप के 13, कांग्रेस के 7 और एक पार्षद अकाली दल का है। मेयर चुनाव से देखें तो भाजपा के पास बहुमत है, क्योंकि उनके पास 14 पार्षदों के अलावा चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर का भी वोट है। इससे पहले 2 बार इसी वजह से भाजपा की सर्बजीत कौर और अनूप गुप्ता एक-एक साल के लिए मेयर बन चुके हैं।
पार्टियों को बगावत का खतरा क्यों?
चंडीगढ़ निगम में जब पार्षदों के चुनाव करवाया गया था तो आप को सबसे ज्यादा 14 सीटें मिली थीं। वहीं, भाजपा को 12 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 8 और एक सीट अकाली दल जीता था। मगर, इसके बाद दलबदली हुई थी।
मेयर चुनाव की घोषणा के बाद पहले आम आदमी पार्टी के पार्षद लखबीर सिंह बिल्लू बीजेपी में शामिल हो गए। उसके 3 दिन बाद भाजपा के पार्षद गुरचरण सिंह काला ने आप का दामन थामा। मेयर चुनाव से पहले फिर कोई दलबदली न हो जाए, इसके लिए सभी अपने पार्षदों की ही घेराबंदी करने में जुटे हुए हैं।
बीजेपी को चार पार्षदों की जरूरत
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन के बाद भाजपा की परेशानी बढ़ गई हैं। अब भाजपा को कम से कम चार पार्षदों की आवश्यकता है। चंडीगढ़ नगर निगम में 35 पार्षद और एक सांसद को मिलाकर कुल 36 वोट हैं। लेकिन अभी बीजेपी के पास 14 पार्षद और एक सांसद को मिलाकर कुल 15 वोट हैं, जबकि गठबंधन के पास आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षदों को मिलाकर कुल 20 वोट हो गए हैं।
एक वोट शिरोमणि अकाली दल के पास है। जिसका अभी तय नहीं है कि किस ओर जाएगा।