Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि एक कॉर्पोरेट कंपनी में काम करने वाले सीए अनुज अग्रवाल हर दिन नोएडा के गौर सिटी-2 (Gaur City-2) से आईटीओ आते जाते हैं, इससे पहले कि वे आईटीओ पर आखिरी ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) तक पहुंचते हैं, नोएडा में छोटे और बार-बार आने वाले यू-टर्न उनके रास्ते में बाधा बनते हैं और शाम में घर लौटते समय उनका धैर्य जवाब देने लगता है। दो ट्रैफिक हॉटस्पॉट हैं जो खासतौर से लगभग हरदिन उनका दिन बर्बाद करते वो हैं, सेक्टर-15 और सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशनों के नीचे वाले यू-टर्न।
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नोएडा ट्रैफिक पुलिस (Noida Traffic Police) और प्राधिकरण ने जाम छुटकारा पाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल्स को हटाकर उनकी जगह यू-टर्न बना दिए हैं। एनसीआर शहर की हर मुख्य सड़क पर यात्रियों के लिए में यू-टर्न हैं, लेकिन इनकी संख्या से आम लोगों को परेशानी होने लगती है, लोग पतली गलियों का हवाला देते हुए इन घोड़े की नाल जैसे स्ट्रक्चर पर होने वाली दिक्कतों की शिकायत करने लगे हैं। साथ ही, पीक समय के दौरान लेन में ड्राइविंग करने के नियम का पालन करने में कई यात्रियों को लगातार परेशानी होती है। दोपहिया वाहन लेन में बाईं ओर नहीं चल सकते, दाईं ओर नहीं चल सकते क्योंकि उन्हें हर कुछ सौ मीटर के बाद यू-टर्न का सामना करना पड़ता है। यू-टर्न के बढ़ने का मतलब ट्रैफिक नियक का उल्लंघन, जिसके कारण यात्री गलत दिशा से टर्न लेते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना ज्यादा हो जाती है। इस तरह के उल्लंघन में शामिल लोग अक्सर लंबे यू-टर्न से बचते हैं जिससे उनकी यात्रा की दूरी बढ़ जाती है।
हिमांशु सिंह, जो द्वारका से नोएडा के सेक्टर-144 तक का सफर करते हैं उन्होंने बताया कि नोएडा में जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही है। शायद सरकार ने भी इसकी तैयारी नहीं की थी। ट्रैफिक और भीड़ बढ़ने का यह सबसे बड़ा कारण है, जिसे यू-टर्न बनाने से नहीं बल्कि अच्छी योजना और विकास से हल किया जाना चाहिए था।
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ट्रैफिक प्रबंधन
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) यात्रियों के लिए यात्रा के समय को कम करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल्स की संख्या कम करने की तैयारी है। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस का बोझ भी कम करने का विचार है। अधिक यू-टर्न का मतलब है कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा सिग्नल्स पर कम कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
नोएडा ट्रैफिक सेल के वरिष्ठ प्रबंधक आर. के. शर्मा ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में यू-टर्न की संख्या बढ़ाने से ट्रैफिक सिग्नल्स की संख्या कम हो जाती है, जिससे यातायात नियंत्रण में मदद मिलती है।
अधिकारी भी चक्कर काट चुके हैं। उनका दावा है कि सेक्टर-62 और सेक्टर-37 से गोल चक्कर हटाने से यातायात सुचारू रूप से चल रहा है।
नोएडा ट्रैफिक पुलिस अक्सर नोएडा प्राधिकरण के पास इस प्रस्ताव के साथ जाती है कि जब उन्हें पता चलता है कि सड़क के व्यस्त हिस्से पर बहुत ज्यादा जाम है और इसे यू-टर्न बनाकर कम किया जा सकता है। नोएडा ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अधिकारी लोगों की सुविधा के लिए काम करते हैं, लेकिन कभी-कभी लोग खुद अपने लिए समस्याएं पैदा कर लेते हैं। सड़क पर ओवरटेक करना हमेशा से एक खतरा रहा है। यह हम लोगों के लिए भी सिरदर्द है।
वरिष्ठ प्रबंधक आर. के. शर्मा ने बताया कि यू-टर्न के कारण वाहनों को ट्रैफिक सिग्नल पर लंबे समय तक इंतज़ार नहीं करना पड़ता, जिससे पेट्रोल की बचत होती है और प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलती है।
यात्रियों ने ये कहा
साल 2023 के अप्रैल में सेक्टर-67 और सेक्टर-70 को जोड़ने वाली सड़क पर लगभग 1 करोड़ रुपये की लागत से यू-टर्न बनाने के नोएडा प्राधिकरण के फैसले ने ध्यान खींचा था। सोशल मीडिया पर खबर आते ही लोगों ने प्राधिकरण पर तंज कसना शुरू कर दिया और पूछा कि यू-टर्न पर 1 करोड़ रुपये कैसे खर्च हो सकते हैं।
हिमांशु सिंह ने कहा कि हर चीज़ के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। मैं सेक्टर-16 से सेक्टर-144 तक यात्रा करता हूं और मुझे ये यू-टर्न काफी सुविधाजनक और समय बचाने वाले लगते हैं। अब मुझे ट्रैफिक सिग्नल पर इंतज़ार नहीं करना पड़ता और यू-टर्न के लिए लंबा रास्ता भी नहीं अपनाना पड़ेगा।
लेकिन पिछले 10 साल से नोएडा में ऑटो चला रहे 33-वर्षीय बृज मोहन का कहना है कि कभी-कभी यू-टर्न के कारण लंबा जाम लग जाता है और ट्रैफिक पुलिस के नहीं होने से यह और भी बदतर हो जाता है।
अधिकांश यू-टर्न दो तरफा होते हैं और जब यात्री आगे निकलने की कोशिश करते हैं, या जब एक ही समय में कई वाहन यू-टर्न लेने की कोशिश करते हैं, तो इन मोड़ों पर अव्यवस्था की स्थिति बनती है, जिससे जाम लग जाता है। यहां तक कि लड़ाई-झगड़े भी होने लगते हैं।