Greater Noida West: खबर ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी (Society) से आ रही है। जहां एक बार फिर लिफ्ट फंसने की घटना सामने आई है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोवियर ग्रीन आर्क सोसाइटी (Sovier Green Arch Society) के एक टावर में लिफ्ट फंसने (Lift Trapped) की घटना सामने आ रही है। इस सोसाइटी के 22वें फ्लोर पर एक परिवार (Family) लिफ्ट में फंस गया। लिफ्ट में फंसे लोगों के साथ छोटा बच्चा था जो काफी डर गया है और बहुत रो रहा था। पढ़िए पूरी खबर…
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जानिए क्या है लिफ्ट एक्ट?
आपको बता दें कि लिफ्ट एक्ट (Lift Act) के अनुसार घरेलू लिफ्ट को छोड़कर बाकी सभी स्थान पर लिफ्ट ऑपरेटर रखना अनिवार्य होगा। इस एक्ट के नियम के मुताबिक राज्य में किसी भी बहुमंजिला बिल्डिंग में लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने के लिए इजाजत लेनी होगी और विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इन सब के बाद लिफ्ट लगाने के लिए सरकार की एक टीम मौके पर मुआयना करेगी।
ऑडिट (Audit) के दौरान काफी शर्तें रखी जाएंगी, जिनको मानना जरूरी होगा। नियम के अनुसार अब जो लिफ्ट लगेगी, उनमें ऑटो रेस्क्यू डिवाइस लगा होना चाहिए। इसका मतलब होता है कि अगर बिजली या तकनीकी खराबी होने की वजह से लिफ्ट रुकती है तो नजदीकी फ्लोर पर अपने आप आकर दरवाजा खुल जाएगा।
पीड़ितो को मुआवजा
इस एक्ट के अनुसार थर्ड पार्टी का बीमा (Third Party Insurance) करवाना होगा, जिससे कोई हादसा होने पर पीड़ित को भी मुआवजा मिल सके।
दंडात्मक कार्रवाई का भी है प्रावधान
अगर लिफ्ट हादसे (Lift Accident) की जांच में यह पता चलता है कि इस तरह की लापरवाही मानव सुरक्षा को खतरे में डालने जैसी गंभीर प्रकृति की है तो इसके लिए दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके साथ ही क्षतिपूर्ति की वसूली होगी। अगर नियमों का पालन करने में इमारत का मालिक देरी करता है तो उसे लेट पेमेंट भी वसूला जाएगा।
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दुर्घटना पर डीएम कराएंगे जांच
लिफ्ट से जुड़ी हुई किसी भी दुर्घटना की स्थिति में डीएम (DM) इसकी जांच कराएंगे। उनकी ओर से इसके लिए किसी अन्य अधिकारी को भी जांच का काम दिया जा सकता है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। रिपोर्ट आने के बाद सबकुछ सही-सही सुनिश्चित होने पर ही दोबारा लिफ्ट चलाई जा सकेगी।