ज़्यादा केक-आइसक्रीम खाने वाले पहले ये ज़रूरी ख़बर पढ़ लीजिए

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Artificial Sweeteners: अगर आप भी केक (Cake) और आइसक्रीम (Ice Cream) खाने के शौकीन हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आफको बता दें कि बाजार से आने वाली बहुत सारी खाने की ऐसी चीजें हैं जिनमें मिठास के लिए चीनी आदि सामान्‍य शुगर के स्थान पर आर्टिफशियल स्‍वीटनर्स (Artificial Sweeteners) का प्रयोग किया जा रहा है। वैसे तो भारत की फूड सेफ्टी एंड स्‍टेंडर्ड्स अथॉरिटी (Food Safety and Standards Authority) की ओर से कृत्रिम मिठास (Artificial Sweetener) को खाने की चीजों में इस्‍तेमाल की अनुमति दी गई है लेकिन पिछले महीने पटियाला में केक खाने के बाद 10 साल की बच्‍ची की जान चली गई थी।

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इसके बाद केक भेजने वाली बेकरी के कई केकों की जांच में सिंथेटिक स्‍वीटनर (Synthetic Sweeteners) की बहुत ज्‍यादा मात्रा पाई गई है। जिस पर कार्रवाई हो रही है। हालांकि इस घटना के बाद एक सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्‍या आर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स की ज्यादा मात्रा खाने से जान भी जा सकती है?

आपको बता दें कि आर्टिफिशियल स्‍वीटनर (Artificial Sweeteners) किसी भी प्रोडक्‍ट में सामान्‍य शुगर के जगह पर बहुत कम मात्रा में डाला जाता है और बाहर मिलने वाले ज्‍यादातर पैक्‍ड फूड या वेबरेज में यही डाला गया होता है। इसके साथ ही डायबिटिक लोग भी शुगर के विकल्‍प के रूप में आर्टिफिशियल स्‍वीटनर का प्रयोग करते हैं, लेकिन क्‍या यह वाकई जिंदगी के लिए खतरनाक है, आइए मैक्‍स हेल्थकेयर में एंडोक्राइनोलॉजी व डायबिटीज के हेड और चेयरमैन डॉ. अंबरीश मित्‍तल से इसका जवाब जानते हैं।

डॉ. मित्‍तल ने बताया कि जो भी आर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स (Artificial Sweeteners) होते हैं, उनकी एक्‍यूट टॉक्सिसिटी नहीं होती है। यानि कि बहुत थोड़े समय में जैसे कि 24 घंटे के अंदर अगर उसकी कुछ मात्रा खाई जाए तो वह अचानक स्‍वास्‍थ्‍य पर खराब असर नहीं डालती है। लेकिन वहीं अगर कोई बहुत ही ज्‍यादा मात्रा में सैकरीन खाता है तो उसके पेट में गैस बनना, ब्‍लोटिंग होना, सरदर्द, उल्‍टी आदि की समस्या हो सकती है। लेकिन सैकरीन का इतना टॉक्सिक इफैक्‍ट हो कि किसी की जान चली जाए तो यह बहुत ही ज्‍यादा रेयर होगा। ऐसा अभी तक नहीं देखा गया है।

लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि अगर कृत्रिम मिठास का नुकसान इतना गहरा नहीं है तो उसे किसी भी मात्रा में खाद्य पदार्थों में मिलाया जाए। सरकार की ओर से रेगुलेशंस हैं, गाइडलाइंस हैं। किसी भी व्‍यक्ति को आर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स का इस्‍तेमाल नियमानुसार तय मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए।

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क्या ब्लड में शुगर बढ़ाता है आर्टिफिशियल स्‍वीटनर

डॉ. मित्‍तल बताते हैं कि कोई भी आर्टिफिशियल स्‍वीटनर ब्‍लड में ग्‍लूकोज लेवल को ट्रिगर नहीं करता है। अगर आप कृत्रिम मिठास का कोई प्रोडक्‍ट खाते हैं तो ऐसा नहीं है कि अचानक आपके शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाएगी। लेकिन कई स्‍टडीज में यह जरूर देखा गया है कि काफी समय तक आर्टिफिशियल स्‍वीटनर शरीर में इंसुलिन रेजिस्‍टेंस को थोड़ा बढ़ा देता है। हालांकि अगर कोई रेगुलर सैकरीन की बहुत ज्‍यादा प्रयोग काफी समय से कर रहा है तो उसका कुछ असर हो सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं है, क्‍योंकि इतना कोई खा भी नहीं सकता है।

जानिए कितनी तरह के होते हैं आर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स

भारत में आमतौर पर सस्‍ते खाद्य पदार्थों में सैकरीन का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा भी पेय पदार्थों, केक, कैंडी, आइसक्रीम, फ्रोजन डेजर्ट, योगर्ट, च्‍युइंगम आदि में एस्‍पार्टम, सुक्रलोज, नियोटेम, आइसोमेल्‍टुलोज, एसेसल्‍फेम आदि आर्टिफिशियल मिठास डाले जाते हैं। भारत में इन 6 आर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स को फूड सेफ्टी एंड स्‍टेंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से अनुमति प्राप्‍त है। लेकिन एफएसएसएआई ने इन चीजों की मात्रा भी निश्चित की हुई है।