Noida News: नोएडा ग्रेटर नोएडा के स्कूल बसों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि सड़कों पर दौड़ रहीं 142 खटारा स्कूली बसों (School Bus) में नौनिहाल जान जोखिम में डालकर स्कूल आ-जा रहे हैं। वहीं, 125 बसें जहां बिना पररमिट के चल रही हैं। तो 275 बसें अपनी मियाद पूरी कर ली हैं। इन वाहनों में सफर करने से किसी भी समय हादसा हो सकता है। आए दिन हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासन बस संचालकों के पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। हालांकि विभाग की ओर से इन बसों को काली सूची में डाल दिया गया है। बावजूद इसके खटारा बसों का संचालन जारी है। ऐसे में परिवहन विभाग ने इन बसों पर तत्काल कार्रवाई शूर कर दी है।
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें
ये भी पढे़ंः Greater Noida West: इस सोसायटी में गंदा पानी..1300 परिवार परेशान
परिवहन विभाग (Department of Transportation) की तरफ से दावे किए गए कि शीतकालीन अवकाश के बाद इन बसों के संचालन पर रोक लगा दी जाएगी। लेकिन उसके बाद भी इनका संचालन किया जा रहा है। बृहस्पतिवार को हरियाणा में हुए स्कूल बस हादसे में बच्चों की मौत की खबर के बाद जिले में अभिभावकों में डर का माहौल है।
पूरे मामले पर ऑल नोएडा पेरेंट्स एसोसिएशन (ANSPA) के महासचिव के अरुणाचलम का मानना है कि परिवहन विभाग (Department of Transportation) को ऐसे स्कूली वाहन पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। पिछले साल स्कूल बसों से हुए हादसों के बाद परिवहन विभाग ने 1619 स्कूली वाहनों की जांच की थी, जिसमें से 142 अनफिट पाई गईं। बस संचालकों को नए सत्र तक वाहनों की फिटनेस कराने के निर्देश दिए गए थे।
वहीं, यह भी निर्देश दिया गया था कि इन वाहनों का संचालन सड़कों पर नहीं किया जाए। इन सभी वाहनों को ब्लैकलिस्ट भी किया गया था। अवकाश की शुरुआत में ही अंतिम चेतावनी जारी की गई लेकिन फिर भी संचालकों ने फिटनेस टेस्ट नहीं कराया। और नया सत्र शुरू हुए 12 दिन हो गए हैं, इसके बाद भी इन बसों का संचालन किया जा रहा है।
एआरटीओ सियाराम वर्मा (ARTO Siyaram Verma) ने कहा कि बच्चों की जिंदगी से कोई समझौता न हो, इसे सुनिश्चित करते हुए इसमें प्रवर्तन की पांच टीमें लगाई जाएंगी। इन बसों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके बाद भी अगर इनके संचालक इन वाहनों का संचालन करते हैं तो उनपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही बिना परमिट के जो भी वाहन संचालित किए जा रहे हैं, उन्हें भी किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
ये भी पढ़ेंः Noida में बन रहा है लक्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट..सिंगापुर की फीलिंग के लिये चुकाने होंगे इतने करोड़
ये वाहन भी रडार पर
एआरटीओ (ARTO) ने जानकारी दी कि 275 स्कूली वाहनों की मियाद पूरी हो चुकी है। इनमें 221 बसें और 54 कैब हैं। इन्हें कबाड़ करने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है लेकिन फिर भी इन बसों का संचालन किया जा रहा है। विभाग की तरफ से इन बसों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद इनके संचालक कहीं संचालन करते पाए गए तो उनपर कार्रवाई होगी।
जानिए क्या हैं सुरक्षा मानक
स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स मौजूद होना चाहिए।
बस में बैठने की क्षमता के आधार पर अग्निशमन यंत्र होना चाहिए।
स्कूल बस की अधिकतम गति सीमा 40 किमी/ प्रतिघंटा है और इसमें गति नियंत्रण उपकरण होना चाहिए।
स्कूल बस की बॉडी पूरी तरह से स्टील से बनी होनी चाहिए और पूरी तरह से बंद होनी चाहिए।
बस का दरवाज़ा ठीक से खुलता बंद होता हो।
प्रेशर हॉर्न या टोनल साउंड सिस्टम प्रतिबंधित हैं।
स्कूल बसों के लिए निर्दिष्ट मानक
स्कूल बस में बच्चों की सूची होनी चाहिए, जिसमें नाम, पता, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट शामिल हो।
स्कूल बस में बच्चों की सुरक्षा के लिए ड्राइवर के अलावा एक सहायक भी होना चाहिए।
स्कूल बस चालक और सहायक को ड्यूटी समय के दौरान निर्दिष्ट वर्दी में रहना चाहिए।
वाहन किसी शैक्षणिक संस्थान के नाम से पंजीकृत होना चाहिए।
बस के आगे और पीछे मोटे अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए।
बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।