ज़बरदस्त ठंड के बाद गर्मी को लेकर मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी..पढ़िए ख़बर

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Weather Report: इस साल की जबरदस्त ठंड ने हर किसी को कंपा दी, लेकिन अभी लोगों की परेशानी खत्म नहीं हुई है। आपको बता दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को एक पूर्वानुमान जारी किया है जिसमें कहा है कि साल 2024 की गर्मी पहले के मुकाबले ज्यादा भीषण गर्मी (फeat) पड़ेगी। IMD के मुताबिक इस साल इस मार्च से मई तक सामान्य से अधिक तापमान गर्म रहेगा। इसके साथ ही, पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा दिनों तक लू (Heat Wave) अपना असर दिखाएगी। ये संख्या भी संख्या सामान्य से ज्यादा होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि अल नीनो की स्थिति कम से कम मई तक जारी रहेगी जिसके चलते भारत में इस साल सामान्य से अधिक गर्मी और अधिक लू वाले दिन रहेंगे।

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मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक देश में मार्च से ही सामान्य से अधिक वर्षा (दीर्घकालिक औसत 29.9 मिलीमीटर के 117 प्रतिशत से अधिक) हो सकती है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में मार्च से मई की अवधि में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का आसार है। उन्होंने आगे कहा कि मार्च से मई तक, उत्तर-पूर्व भारत, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीप और पश्चिमी तट को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में लू वाले दिनों की संख्या सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है।

महापात्रा ने आगे बताया कि उत्तर-पूर्व प्रायद्वीपीय भारत-तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं उत्तरी अंदरूनी कर्नाटक तथा महाराष्ट्र एवं ओडिशा के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक दिनों तक लू चलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मार्च में उत्तर और मध्य भारत में लू की स्थिति बनने की उम्मीद नहीं है। इस साल अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। महापात्रा ने आगे कहा कि अलनीनो (मध्य प्रशांत महासागर में समुद्री जल के नियमित अंतराल पर गर्म होने की स्थिति) गर्मी के पूरे मौसम में बना रहेगा और उसके बाद तटस्थ स्थिति बन सकती है।

ला-नीना परिस्थिति मानसून सत्र के उत्तरार्थ में बनने की संभावना है। यह आमतौर पर भारत में अच्छी मानसूनी वर्षा से संबंधित है। आईएमडी प्रमुख ने कहा कि भारत में इस साल फरवरी का औसत न्यूनतम तापमान 14.61 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है, जो 1901 के बाद इस महीने में दूसरा सबसे अधिक न्यूनतम तापमान है। उन्होंने कहा कि कुल आठ पश्चिमी विक्षोभ ने फरवरी में पश्चिमी हिमालयी राज्यों के मौसम को प्रभावित किया। इनमें से छह सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ थे जिनके कारण उत्तर और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि हुई।