Saurabh Tiwari: भारत को 2008 में विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में अंडर 19 विश्वकप ट्रॉफी (U19 World Cup Trophy) दिलाने वाले झारखंड के 34 साल के सौरभ तिवारी ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। सौरभ तिवारी ने 2010 में भारत के लिए तीन अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे।
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सौरभ तिवारी 15 फरवरी से शुरू होने वाले इस सीजन में झारखंड टीम के आखिर लीग मैच अंतिम बार मैदान पर खेलते हुए दिखाई लेंगे। सौरभ तिवारी ने मौजूदा रणजी ट्रॉफी सीजन में झारखंड के लिए चार मैच खेले और फरवरी की शुरुआत में जमशेदपुर में मणिपुर के खिलाफ नाबाद 114 रन बनाए। हरियाणा के खिलाफ मैच में सौरभ तिवारी ने क्रमश: 23 और 3 रन बनाए। जब सौरभ तिवारी अगले सप्ताह संन्यास ले लेंगे तो उनके 17 साल के प्रतिस्पर्धी करियर पर विराम लगेगा।
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सौरभ तिवारी ने 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था और उन्हें साल 2006 रणजी में डेब्यू करने का भी मौका मिल गया था। उन्होंने अभी तक 115 मैचों में 8030 रन बनाए हैं, जिसमें 22 शतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने 46.55 की औसत से 116 लिस्ट-ए मैचों में 4050 रन बनाए हैं, जिसमें 6 शतक शामिल हैं। उन्होंने भारतीय टीम के लिए तीन वनडे मैच भी खेले हैं, जिसमें वह सिर्फ 49 रन ही बना पाए।
यहीं नहीं सौरभ तिवारी का आईपीएल करियर उतार चढ़ाव वाला रहा। उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस, आरसीबी, दिल्ली डेयरडेविल्स और राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स की तरफ से क्रिकेट खेला है। तिवारी ने आईपीएल के 93 मैचों में 28.73 की औसत से 1494 रन बनाए हैं, जिसमें 8 अर्धशतक शामिल हैं।
विराट कोहली के नेतृत्व में 2008 में भारतीय अंडर-19 टीम ने वर्ल्ड कप खिताब जीता था। सौरभ तिवारी उस टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक थे। सौरभ तिवारी पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी को अपना आदर्श मानते हैं और उन्होंने युवा उम्र में माही जैसे लंबे बाल रखे थे। सौरभ तिवारी बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, लेकिन वो धोनी जैसे लंबे-लंबे शॉट खेलने के लिए जाने जाते थे।
सौरभ तिवारी ने कहा कि संन्यास का फैसला अचानक नहीं बल्कि सोच समझकर लिया गया है ताकि राज्य टीम में युवा को मौका मिले। सौरभ तिवारी के हवाले से ईएसपीएनक्रिकइंफो ने कहा, ”इस यात्रा से विदाई लेना मुश्किल है, क्योंकि इसकी शुरुआत मेरी स्कूलिंग से पहले हो गई थी।” मुझे लगता है कि यह संन्यास लेने का सही समय है। मेरा मानना है कि अगर आप राष्ट्रीय टीम या आईपीएल में नहीं है तो बेहतर है कि युवा के लिए राज्य टीम में जगह बना दें। युवाआं को हमारी टेस्ट टीम में काफी मौका मिलता है तो मैंने यह फैसला लिया।