Jyotish Shastra: अक्सर हमारा गुस्सा और चिंताएं मन में एकत्रित रहती हैं और जब हम ज्यादा परेशान हो जाते हैं तो भगवान के सामने माथा झुकाकर सारी समस्याएं दूर करने के लिए और सही मार्ग दिखाने के लिए प्रार्थना करते हैं. इसके आलावा मंदिर में घंटी बजाने से पहले भी सभी भक्त उसके प्रवेश द्वार पर या सीढ़ियों पर माथा टेकते हैं. वहीं, जिन भी धार्मिक जगहों में रोजाना घंटियों की आवाज सुनाई देती है. ऐसे मंदिरों को जागृत देव स्थान या जागृत मंदिर भी कहा जाता है.
मान्यता अनुसार ऐसी जगहों पर या ऐसे मंदिरों के प्रवेश द्वार पर घंटी बजाने से भगवान की कृपा बरसती है. मंदिर के साथ हम यही प्रक्रिया अपने घर के पूजा स्थलों में भी अपनाते हैं. ये प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही है. जिसे आज भी हम फॉलो करते हैं.
इन बातों का रखना होता है विशेष तरह से ध्यान
पूजा-अर्चना करते समय भगवान को याद रखें कि कभी एक हाथ से प्रणाम नहीं करना चाहिए. जो भी ऐसा करते हैं उन्हें कई तरह की समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है. भगवान को प्रणाम हमेशा दोनों हांथों को जोड़ के करना चाहिए.
हमारे शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि सदैव अपने पिता और बड़े भाई को सुबह उठकर भगवान के बाद सबसे पहले प्रणाम करना चाहिए. इससे उनकी कृपा सदैव आपके साथ परिवार जनों के ऊपर बनी रहती है.
पूजा करते समय कभी किसी भी बुरे तरह के ख्यालों को मन के भीतर न आने दें. चाहे वो दुश्मन ही आपका क्यों न हों, पूजा करते समय इस तरह के ख्यालों को खुद से दूर रखें.
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पूजा करने से पहले हमेशा पहले संकल्प लें और फिर पूजा प्रारंभ करें.
स्त्री हो या पुरुष दोनों को ही भगवान की पूजा करते समय हमेशा सिर ढक लेना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा करते समय आपका मुख पूर्व और उत्तर दिशा में से किसी एक ओर होना चाहिए.
पूजा करते समय आप धूप, घंटी और दीपक को दाएं हाँथ में रखें. इसके बाद भगवान की पूजा करें. विधि विधान से पूजा करने के बाद फिर भगवान में माथा टेकें.