Noida News: नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद के बीच मेट्रो (Metro) चलाने की तैयारी जोरों पर है। डीएमआरसी ने 5.017 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के लिए डीपीआर (Detailed Project Report) बनाकर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) को भेज दी है। तीसरे चरण में बनने वाले मेट्रो के इस कॉरिडोर के निर्माण पर 1873.31 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इस कॉरिडोर (Corridor) के पूरा हो जाने के बाद गाजियाबाद व साहिबाबाद (Sahibabad) से नोएडा आना-जाना काफी आसान हो जाएगा।
ये भी पढ़ें- Noida: आम्रपाली के 10 हज़ार फ़्लैट ख़रीदारों के लिए बड़ी ख़बर
नोएडा सेक्टर-62 से सीआईएसएफ रोड (CISF Road) होते हुए मेट्रो को सड़क के बीच पिलर्स बनाकर कनावनी तक लाया जाएगा। इसके बाद वसुंधरा में इंदिरापुरम (Indirapuram) थाने की तरफ से रूट को मोड़ दिया जाएगा। जनसत्ता अपार्टमेंट के पास से वसुंधरा सेक्टर-7 होते हुए यह कॉरिडोर साहिबाबाद गांव के सामने लिंक रोड तक जाएगा। सड़क के एक तरफ आरआरटीएस (RRTS) का साहिबाबाद स्टेशन बनेगा तो दूसरी ओर मेट्रो स्टेशन बनेगा। दोनों ट्रेनों के स्टेशनों को जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज भी बनाया जाएगा।
फुटओवर ब्रिज (Footover Bridge) के जरिए एक ट्रेन से उतरकर लोग दूसरी ट्रेन में सफर करने के लिए स्टेशन तक आसानी से जा सकेंगे। जीडीए के मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने कहा कि मेट्रो के तीसरे फेज की डीपीआर को अब जीडीए उपाध्यक्ष के सामने प्रस्तुत की जाएगी। फंडिंग का इंतजाम होने के बाद मेट्रो के इस कॉरिडोर के निर्माण पर काम शुरू होगा। मेट्रो के इस कॉरिडोर की लागत करीब 356 करोड़ रुपये बढ़ी है। लगभग 5 साल पहले डीएमआरसी ने इसके लिए 1517 करोड़ की डीपीआर बनाई थी।
अधिकारियों से वार्ता करेंगे उपाध्यक्ष
जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि मेट्रो कॉरिडोर पर खर्च होने वाली 1873.31 करोड़ की धनराशि में केंद्र और यूपी सरकार देगी। यूपी सरकार की तरफ से जीडीए और आवास विकास परिषद फंड खर्च करेगा। 20 फीसदी रकम केंद्र सरकार खर्च करेगी। बाकी 80 फीसदी में से 40-40 फीसदी रकम खर्च करने के लिए आवास विकास परिषद से सहमति की कोशिश की जाएगी। यानी 1873.31 करोड़ की धनराशि में से 374.66 करोड़ केंद्र सरकार और 1500 करोड़ रुपये आविप व जीडीए बराबर हिस्सेदारी में खर्च करेंगे।
7690 वर्गमीटर निजी जमीन की पड़ेगी जरूरत
मेट्रो के थर्ड फेज के कॉरिडोर में कुल 26,691 वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता है। इसमें से 19001 वर्गमीटर जमीन सरकारी विभागों की है, तो वहीं 7690 वर्गमीटर जमीन निजी लोगों की है। ऐसे में प्राइवेट लोगों को मुआवजा देकर यह जमीन खरीदनी होगी। लेकिन जीडीए अधिकारियों का कहना है कि प्राइवेट जमीन खरीदने की बजाय वह स्टेशनों के प्रवेश और निकास के रास्ते इस तरह से बनाएंगे, ताकि बिना जमीन खरीदे ही काम चल जाए।
यह पांच स्टेशन बनेंगे
वैभव खंड, इंदिरापुरम
डीपीएस इंदिरापुरम
शक्तिखंड इंदिरापुरम
वसुंधरा सेक्टर-7
साहिबाबाद